उत्तराखंड। ऋषिकेश में रानीपोखरी स्थित जाखन नदी में 57 साल पुराने मोटरपुल के दो हिस्से ढहने के बाद शासन की ओर से बनाई गई तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच टीम रानीपोखरी पहुंची। टीम ने क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया। वहीं पुल के अनुरक्षण कार्य करने वाले लोनिवि के अधिकारियों और इंजीनियरों से भी सवाल जवाब किए। टीम ने मौके पर पुल के गिरे हुए पिलरों की फोटो खींची और वीडियोग्राफी भी की। रानीपोखरी में 1964 में बना डबल लेन मोटरपुल 27 अगस्त को ढह गया था। मोटर पुल के टूटने के बाद शासन की ओर से तीन अभियंताओं की एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की गई थी। इस जांच कमेटी में मुख्य अभियंता पौड़ी गढ़वाल अयाज अहमद, अधीक्षण अभियंता प्रमोद पाठक (मैकेनिकल), अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार को शामिल किया गया है। मंगलवार को पुल के निरीक्षण के लिए पहुंची जांच टीम ने अधिकारियों से मोटरपुल के अनुरक्षण को लेकर सवाल जवाब किए। टीम ने मोटरपुल के अनुरक्षण के काम की पत्रावलियां एकत्रित की। वहीं जौलीग्रांट की ओर ढहे पुल के पिलरों की भी जांच की। टीम ने मोटरपुल से 400 मीटर ऊपर और नीचे की ओर खनन करने से हुए गड्ढों की भी फोटो खींची। निरीक्षण के दौरान लोनिवि के मुख्य अभियंता (देहरादून जोन) एमपी सिंह, मुख्य अभियंता अभियंता ओमप्रकाश (एनएच, मुख्यालय), अधीक्षण अभियंता पीएस बृजवाल, लोनिवि अस्थाई खंड ऋषिकेश के प्रभारी अधिशासी अभियंता आरसी कैलखुरा, ग्राम प्रधान रानीपोखरी सुधीर रतूड़ी आदि थे।