हिमाचल प्रदेश। शिक्षा विभाग में विवादित चल रहे किताब खरीद मामले में अब प्रकाशकों से अधिकतम 35 फीसदी तक डिस्काउंट लिया जाएगा। खरीद नीति को विभाग बदलने जा रहा है। शुक्रवार को सचिवालय में शिक्षा सचिव राजीव शर्मा की अध्यक्षता में बैठक होगी। प्रकाशकों से 35 फीसदी तक डिस्काउंट लेने पर फर्मों की संख्या भी बढ़ाने की योजना है। अभी 49 फर्मों का चयन किया गया है। करीब दस करोड़ से सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों के लिए किताबों की खरीद की जानी है। बैठक में नेशनल बुक ट्रस्ट से की जाने वाली खरीद को लेकर भी फैसला लिया जाएगा। प्रदेश में बीते चार माह से किताब खरीद मामले को लेकर विवाद चल रहा है। बीते दिनों मानसून सत्र के दौरान भी देश के कई प्रकाशकों ने चौड़ा मैदान शिमला में प्रदर्शन कर शिक्षा विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। प्रकाशकों ने शिक्षा विभाग पर मात्र दस फीसदी डिस्काउंट पर किताबें खरीदने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि देश के अन्य राज्यों में 35 फीसदी तक डिस्काउंट पर सरकारें किताबें खरीद रही हैं। हिमाचल प्रदेश ऐसा एकमात्र राज्य है, जो प्रकाशकों से डिस्काउंट नहीं ले रहा। विधानसभा सत्र के दौरान हंगामे से बचने के लिए शिक्षा विभाग ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। अब दोबारा खरीद प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। उधर, चयनित 49 फर्मों के दस्तावेज जांचने को शुरू की गई जांच को लेकर शुक्रवार की बैठक में चर्चा होगी। शिक्षा विभाग ने डिस्काउंट की राशि तय करने की कवायद शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि डिस्काउंट मिलने पर बजट कम खर्च होगा। इस बचने वाले बजट से अन्य फर्मों का चयन किया जाएगा। किताबों की संख्या के हिसाब से डिस्कांउट की राशि तय की जाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर किताबों की खरीद के लिए निर्धारित नियमों को लेकर भी शुक्रवार को बैठक में चर्चा की जाएगी।