नई दिल्ली। कोरोना से बच्चों की सुरक्षा को लेकर माता-पिता की चिंता जल्द दूर होने वाली है। फाइजर बायोएनटेक ने सोमवार को कहा कि वह फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) और यूरोपीय मेडिकल एजेंसी (ईएमए) में इस माह के अंत तक बच्चों में को टीका लगाने की अनुमति के लिए आवेदन करेगी। फाइजर ने कहा कि पांच से ग्यारह वर्ष के बच्चों में बायोएनटेक की वैक्सीन अधिक प्रभावी और सुरक्षित है। फाइजर का दावा है कि जिन बच्चों को टीका लगाया गया, उनमें 16 से 25 वर्ष वालों की तुलना में मजबूत प्रतिरोधी असर दिखा है। वैज्ञानिकों के अनुसार बच्चों को टीके की दस ग्राम डोज दी गई, जो बड़े बच्चों और वयस्कों को दी जाने वाली डोज का एक तिहाई है। अनुमान है कि वैक्सीन की मात्रा अधिक देने से बच्चों पर बुखार, सिरदर्द, थकान आदि दुष्प्रभाव हो सकता है। फाइजर ने ये तो घोषणा कर दी है कि 5 से 11 वर्ष के लिए टीका सुरक्षित और असरदार है, लेकिन उसने आंकड़े जारी नहीं किए हैं। कंपनी का दावा है कि वो सर्दियों से पहले बच्चों पर परीक्षण के आंकड़े एफडीए को मुहैया करा देगी। कंपनी का कहना है कि दो से पांच वर्ष और छह माह से दो वर्ष के बच्चों पर भी परीक्षण इस साल की चौथी तिमाही तक शुरू हो सकता है। पहले, दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण में अमेरिका, फिनलैंड, पोलैंड और स्पेन में छह माह से ग्यारह वर्ष तक के 4500 बच्चों पर 90 स्थानों पर परीक्षण हो सकता है। डोज के बीच का अंतर 21 दिन का हो सकता है।