चांदनी चौक की सूरत बदलने पर इतिहासकारों ने जताई खुशी

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार द्वारा कराए गए चांदनी चौक इलाके के कायाकल्प को इतिहासकारों और अन्य विशेषज्ञों ने अच्छी शुरुआत बताया है। इतिहासकारों ने पुरानी दिल्ली के पुनर्विकास की इस परियोजना को वास्तुशिल्प के अनुरूप और शहर की सांस्कृतिक विरासत की जरूरत बताया है। इतिहासकार और लेखक राणा सफवी ने शाहजहानाबाद पर व्यापक तरीके से लिखा है। पुरानी दिल्ली पर लिखी गई उनकी पुस्तक ‘शाहजहानाबाद: द लिविंग सिटी ऑफ ओल्ड दिल्ली’ काफी प्रचलित है। राणा सफवी ने कहा है कि तेजी से शहरीकृत होती दिल्ली के लिए यह विकास परियोजना महत्वपूर्ण है। इतिहासकार और लेखक स्वप्ना लिडल ने भी इस परियोजना को अच्छा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि शाहजहानाबाद को अब वह दर्जा मिलेगा ऐतिहासिक रूप से जिसका वो हकदान है। लाल किला से फतेहपुरी मस्जिद तक चांदनी चौक के करीब 1.4 किमी हिस्से को शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी) गैर-मोटर चालित वाहन क्षेत्र के रूप में विकसित किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को नए सिरे से बनाए गए इस क्षेत्र का उद्घाटन किया। 17वीं सदी में मुगल काल के दौरान सौंदर्य का प्रतीक लाल बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल इस विकास मार्ग पर बेंच बनाने और बाकी सजावटी सामग्री को तराशने के लिए किया गया है। इस पूरे क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। इसके अलावा इस पथ पर एक खास रंग के रिक्शों को चलाने की तैयारी भी दिल्ली सरकार ने कर रखी है।

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