पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य के चौथे वित्त आयोग से कहा है कि पांच साल का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी बने रहना संविधान का उल्लंघन है। इसके सदस्यों को अतिरिक्त अवधि का वेतन लौटाना होगा। आयोग द्वारा किए गए सारे खर्चों को भी वसूलने की जरूरत है, क्योंकि जनता के धन को इस तरह नहीं बर्बाद नहीं किया जा सकता। राज्यपाल ने कहा कि आयोग के सदस्य कार्यकाल खत्म होने के बाद की अवधि का वेतन लौटाने के लिए बाध्य हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि आयोग ने 2014 के बाद से राज्यपाल को कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है, इसका मतलब है कि संवैधानिक मशीनरी ठप हो गई है। राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा कि वित्त आयोग पांच साल के लिए था, लेकिन ममता सरकार में चौथा वित्त आयोग इसके बाद भी बना रहा, यह संविधान का उल्लंघन है। इसके चेयरमैन व सदस्य वेतन व भत्ते राज्य को लौटाने के जिम्मेदार हैं। आयोग द्वारा किए गए सारे खर्च भी उनसे वसूले जाने चाहिए। जनता के पैसों को इस तरह गंवाया नहीं जा सकता।