नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में अब आवाजाही ज्यादा आसान होने जा रही है। दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के प्रतिनिधियों ने इससे जुड़े एक समझौते पर दस्तखत किए। संयुक्त पारस्परिक सामान्य परिवहन समझौते (सीआरसीटीए) से मोटर कैब, टैक्सी, ऑटो रिक्शा व राज्यीय व अंतरराज्यीय बस सेवाओं के लिए एक ही जगह पर टैक्स लिया जाएगा। केंद्र सरकार का मानना है कि इससे सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था मजबूत होगी और आम लोगों को निजी वाहनों से सार्वजनिक वाहनों पर शिफ्ट करने में मदद मिलेगी। इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक हुई। इसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, राजस्थान सरकार के मंत्री शांति कुमार धारीवाल, दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन समेत संबंधित राज्यों व बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इसमें सभी राज्यों ने सीआरसीटीए पर हस्ताक्षर किए गए। इससे दिल्ली-एनसीआर की सभी मोटर कैब, टैक्सी, ऑटो रिक्शा से एक जगह पर टैक्स लिया जाएगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समझौते के लागू होने के बाद दिल्ली-एनसीआर के बीच सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर कराधान से जुड़ी समस्याएं खत्म होंगी। उम्मीदन इससे सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था मजबूत होगी। मांग पूरी होने पर दिल्ली-एनसीआर के बीच सफर करने वाले दैनिक यात्री निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करने को प्रोत्साहित होंगे। इसका असर ट्रैफिक जाम समेत प्रदूषण सरीखी समस्याओं को नियंत्रित करने में सहूलियत रहेगी। बैठक में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल के लिए एक वेब जियो-पोर्टल लॉन्च किया गया। इसमें भूमि उपयोग, परिवहन, उद्योग, जल, बिजली, स्वास्थ्य, आश्रय, विरासत और पर्यटन, आपदा प्रबंधन से जुड़ी जानकारियां अपलोड हैं। जियो-पोर्टल एनसीआर के एक मजबूत डेटाबेस का काम करेगा। यह एनसीआर में उप-क्षेत्रीय और स्थानीय योजना के लिए फायदेमंद रहेगा।