नई दल्ली। दिल्ली-एनसीआर को वाहनों के प्रदूषण और जाम से छुटकारा दिलवाने के लिए नई रिंग रोड और दो एक्सप्रेस बनाए जाएंगे। शहरों से बेहतर कनेक्विटी के लिहाज से सड़क नेटवर्क के विस्तार को तवज्जो दी जा रही है। यात्रियों को सुरक्षित सफर का मौका देने के लिए सभी एक्सप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्गों पर 2026 तक सर्विस लेन तैयार किए जाएंगे। सड़क सुरक्षा के लिहाज से दुर्घटना होने पर घायलों को तत्काल इलाज की सुविधा देने के लिए 50 किलोमीटर की दूरी पर एक ट्रॉमा सेंटर भी होगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के ड्राफ्ट रीजनल प्लान में क्षेत्र के विकास को नई रफ्तार देने के लिए ये प्रस्ताव किए गए हैं। दिल्ली एनसीआर के शहरों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। वाहनों के भीड़भाड़ से राहत देने के लिए दिल्ली में आउटर रिंग रोड के साथ एक और नई रिंग तैयार करने का भी प्रस्ताव है। सभी एंट्री एक्जिट पर स्लिप रोड होगा ताकि वाहनों को दिक्कत न हो। दूसरे रिंग रोड से न तो वाहनों का जाम लगेगा और गंतव्य तक भी जल्द पहुंचेंगे। पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के बाहर सर्कुलर रीजनल एक्सप्रेस वे (सीआरई-2) बनाने का प्रस्ताव है। इसके तहत पानीपत, शामली, मेरठ, जेवर, नूंह, भिवाडी, रेवाड़ी, झज्जर, रोहतक और पानीपत को जोड़ा जाएगा। एनसीआर के शहरों को जोड़ने के लिए एक सर्कुलर रीजनल एक्सप्रेस वे(सीआरई-3) का करनाल, मुजफ्फनगर, गढ़मुक्तेश्वर, नरौरा, अलीगढ़, मथुरा, ढींग, अलवर, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी, जींद, कैथल और करनाल तक विस्तार किया जाएगा।