नई तकनीक से बदली जाएगी अंग्रेजों के जमाने की पाइपलाइन

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने एक पाइपलाइन परियोजना में नई तकनीक अपनाकर टैक्स के 602 करोड़ रूपये बचाने का दावा किया है। सरकार के मुताबिक 15 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन को बिछाने में सामान्य तरीके से 662 करोड़ रूपये के करीब लागत आती है, जबकि नई तकनीकी अपनाकर अब यही काम केवल 60 करोड़ रूपये में पूरी कर लिया जाएगा। जनता के टैक्स के 602 करोड़ रूपये की बचत होगी, जिससे जनहित के दूसरे काम किए जाएंंगे। दिल्ली की तीन पाइपलाइन में से एक अंग्रेजों के जमाने में 1938 में बिछाई गई थी, जबकि अन्य दो पाइप 1956 और 1985 में बनाये गए थे। इन्हें बदला जाना है। राज्य के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने बृहस्पतिवार को कहा कि 115 एमजीडी दूषित पानी को ले जाने वाले 15 किलोमीटर लंबे पाइप लाइन का काम दो सालों में पूरा किया जाएगा। यह तीन पाइप प्रतिदिन 115 मिलियन गैलन (एमजीडी) दूषित पानी को दक्षिण और मध्य दिल्ली से ओखला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तक ले जाते हैं। इन पाइपों का उपयोग भारी मात्रा में सीवेज ले जाने के लिए किया जाता है। यह पाइप दशकों पहले बनाए गए थे, जिनका उपयोग मौजूदा समय में करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए इन्हें बदलने का काम किया जाना है।

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