उत्तराखंड। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी। प्रदेश सरकार यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजेगी। विश्वविद्यालय की संपत्ति का निर्धारण करने के लिए मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव डॉ. सुखबीर सिंह संधू की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। विधानमंडल भवन में विस सत्र में भोजनावकाश के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में 10 प्रस्तावों पर चर्चा हुई और उन पर निर्णय लिया गया। बदरीनाथ और केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार बड़ी एजेंसी को जिम्मा सौंपेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में दोहरी लेखा प्रणाली लागू होगी। कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके लिए उत्तराखंड मैनुअल एकाउंटिंग में संशोधन किया जाएगा। कैबिनेट ने खनन नीति के सरलीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। खनन नीति के तहत राज्य में वर्तमान में संचालित स्टोन व अन्य क्रशरों को स्वमूल्यांकन का अधिकार मिलेगा। यानी संचालक क्रशरों का स्वयं मूल्यांकन करेंगे। उन्हें अपनी रिपोर्ट शासन को नहीं देनी होगी। इसके स्थान पर वे निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई को प्रस्ताव भेजेंगे। सभी विभागों में लंबित आर्बिटेशन के मामले तीन माह में मामले निपटाने के लिए कैबिनेट ने उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम को कार्यदायी संस्था के रूप में सूचीबद्ध करने को मंजूरी दी। राज्य सेतु निगम को पीएमजीएसवाई के 151 पुल बनाने का काम देने की तैयारी है। उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, तहसील विधिक सेवा समिति, स्थायी लोक अदालत एवं वैकल्पिक विवाद समाधान के लिए केंद्रीय कर्मचारी सेवा नियमावली प्रख्यापित किया गया।