पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान एक ही है। जैसे एक व्यक्ति डॉक्टर भी हो, वकील भी हो, ज्योतिषी भी हो और कथावाचक भी हो- एक ही व्यक्ति। तो जब वो टाई-कोट पहनकर के कचहरी जाय, लोग उसको कहेंगे वकील साहब जरा हमारा ये केस है थोड़ा ठीक करा दो। और जब डिस्पेंसरी (दवाखाना) में बैठेगा तो लोग कहेंगे डॉक्टर साहब जरा हमारी दवा-ईलाज कर दो। और जब वह अपने कार्यालय में बैठेगा तो लोग कहेंगे -ज्योतिषी जी जरा हमारा मुहूर्त निकाल दो और कथा सुनाने बैठेगा-तो कहेंगे हमको कथा सुना दो। अब बताओ नाम तो चार हो गया न? वकील, डॉक्टर, ज्योतिषी, स्वामी जी। तब चार नाम होते हुए, व्यक्ति तो एक ही है। परमात्मा के नाम अनेक हैं लेकिन परमात्मा एक ही हैं। भगवान जब सृजन का काम करते हैं तो भगवान को लोग ब्रह्मा कहते हैं। जब परमात्मा पालन का कार्य करते हैं तो उन्हीं परमात्मा को लोग विष्णु कहते हैं। और भगवान जब प्रलय काल में संहार करते हैं तो उन्हें शंकर कहते हैं। इन्ह के नाम अनेक अनूपा। मैं नृप कहब स्वमति अनुरूप।। जो आनंद सिंधु सुखरासी। सीकर ते त्रयलोक सुपासी। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)