हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश के बागवानों और किसानों को अब उनके उत्पादों में लग रही बीमारियों का एक घंटे में ही पता चल जाएगा। उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी ने इसके लिए 2.63 करोड़ से जर्मनी की अल्ट्रामाइक्रोटॉम टेस्टिंग मशीन स्थापित की है। प्रदेश में इस तरह की यह पहली अत्याधुनिक मशीन है। फल, फूल, सब्जियां, सेब व अन्य पौध के अलावा मक्का और गेहूं की फसलों में लगने वाली बीमारियों का यह मशीन एक घंटे में पता लगा लेगी। इससे किसान-बागवान अपने उत्पादों का खराब होने से पहले उपचार कर पाएंगे। प्रदेश में किसान विभिन्न फल और सब्जियां उगाते हैं। आधुनिक तकनीक के अभाव में पहले फल-सब्जियों की बीमारी की कई दिनों के बाद जांच रिपोर्ट आती थी। इससे किसानों-बागवानों भारी नुकसान होता था। इस समस्या से निपटने के लिए विश्व बैंक पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के तहत नौणी विवि में अल्ट्रामाइक्रोटॉम मशीन जर्मनी से 2.63 करोड़ रुपये में खरीदी है। इसे विवि के प्लांट पैथोलॉजी विभाग में स्थापित किया है। यह मशीन फाइटोप्लाज्म जैसे रोगजनकों के फ्लोरोसेंट माइक्रोस्कोपी में अनुसंधान के लिए बहुत महत्व रखती है।