हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बीस भादो के अवसर पर धार्मिक नगरी मणिकर्ण, ब्यास और पार्वती ब्यास संगम, खीरगंगा, वशिष्ठ, क्लाथ, सरयोलसर आदि जगहों पर सैकड़ों ने श्रद्धालुओं ने शाही स्नान किया। कोरोना के बीच श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, जबकि भुंतर क्षेत्र के तहत आने वाली माता नैणा और देवता घटोत्कच भी लाव-लश्कर के साथ बीस भादो के शाही स्नान के लिए पार्वती और ब्यास नदी के संगम स्थल जिया पहुंचे। देवताओं को यहां देव विधि के साथ शाही स्नान करवाया गया। ढोल, नगाड़ों, नरसिंगों की स्वरलहरियों से पूरा माहौल गूंज उठा। मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं ने देवताओं के जयकारे भी लगाए। इन सभी तीर्थ स्थलों में शाही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सुबह से जमावड़ा लगा रहा। धार्मिक नगरी मणिकर्ण में शुक्रवार शाम को ही श्रद्धालु पहुंच गए थे । कोरोना नियमों का पालन करते हुए यहां पर लोगों ने शाही स्नान किया। श्रीराम मंदिर में श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन भी किया। सुबह पौ फटते ही श्रद्धालुओं ने मणिकर्ण में गर्म पानी के कुंडों में स्नान किया। गड़सा घाटी के तहत आने वाले शौठ निहारगडू नामक तीर्थ स्थल में काफी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं ने शाही स्नान किया। ऊझी घाटी के सोयल में बीस भादों पर जमदग्नि ऋषि के अन्न की घराट के पानी से यहां लोगों ने पवित्र स्नान किया। इस संबंध में राम मंदिर कमेटी मणिकर्ण के प्रधान जनक राज शर्मा ने कहा कि मान्यता है कि बीस भादो के स्नान को गुणकारी माना जाता है। इस दिन तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से कई रोगों से मुक्ति मिल जाती है। राम मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भंडारे का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि शाही स्नान में कोरोना नियमों का बखूबी पालन किया गया है।