पुष्कर/राजस् थान। परम पूज्य संत श्री दिव्या मोरारी बापू ने कहा कि श्री शिव महापुराण कथा तृतीय दिवस-कथा स्थल-श्री मंशापूर्ण भूतेश्वर महादेव मंदिर टोंक राजस्थान। सानिध्य-श्री घनश्याम दास जी महाराज (गोवर्धन-पुष्कर) दिनांक25-2-2022 से 5-3- 2022 तक। कथा का समय दोपहर 12:30 से 4:30 तक। कथा वक्ता-श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री दिव्य मुरारी बापू। भाव से मिलते हैं भगवान्- परमात्मा दुर्लभ नहीं है, पर परमात्मा की प्राप्ति करने वाले भक्त दुर्लभ है। भगवान् के मिलने में देर नहीं है, देर केवल अपनी चाहत में है। परमात्मा हमसे दूर नहीं है, परमात्मा की प्राप्ति जितनी आसन है, इतना आसान कुछ भी पाना नहीं है। भाग्य नहीं, भाव से मिलते हैं परमात्मा। आप यह मान लें कि हम भगवान् के हैं और भगवान हमारे है। परमात्मा के साथ हमारा अलगाव कभी हुआ नहीं है, इस संसार से शरीर अलग नहीं हो सकता और हम स्वयं परमात्मा से अलग नहीं हो सकते। सर्व समर्थ परमात्मा भी जीव का त्याग करने में असमर्थ है।
सच्ची लालसा वाले व्यक्ति को सच्चा सत्संग अवश्य मिलता है। इसमें भाग्य का काम है ही नहीं। भगवान् की प्राप्ति केवल चाहत से होती है, प्रारब्ध से नहीं। भगवती भागीरथी गंगा जी की महिमा- श्री गंगा जी के अवतरण का संबंध तीनों देवताओं के साथ है। भगवान् विष्णु के चरण से निकलती हैं, विष्णुपदी हैं। सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी के कमंडलु से निकली हैं। श्री ब्रह्मा जी ने भगवान नारायण के चरण धोये हैं, उसी चरणोदक को गंगा कहते हैं। इसी गंगा को भगवान् शंकर ने अपने मस्तक पर धारण किया, तो शंकर जी से भी संबंधित है। गंगा स्नान करने वालों को गंगा ब्रह्मा, विष्णु और महेश का रूप बना देती है। कृपा साध्य हैं भगवान-भगवान् क्रिया साध्य नहीं है, कृपा साध्य है। इसलिए उन्हीं के चरणों में जाओ, क्योंकि उन्हीं की कृपा से उनको पाओ और कोई उपाय नहीं। ठाकुर के चरणों में जाने से ही सुख है। ठाकुर के चरण पकड़ने से ही मुक्ति प्राप्त होती है। जीव परम गति को प्राप्त करता है और उसी में जीवन यात्रा की सफलता है। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम काॅलोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग गोवर्धन, जिला-मथुरा (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।