नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सात वर्षों में किए गए कई रणनीतिक सुधारों के दम पर महामारी के बावजूद अर्थव्यवस्था में सुधार जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 18 महीनों में सिर्फ महामारी के प्रकोप का प्रबंधन ही नहीं किया, बल्कि स्वास्थ्य के बाद जीडीपी और फिर वित्तीय क्षेत्र पर इसके नकारात्मक असर को विभिन्न सुधारों के जरिये कम करने का प्रयास किया ताकि अर्थव्यवस्था तेज वृद्धि दर के साथ वापसी कर सके। उद्योग मंडल फिक्की के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश सुधार के रास्ते पर है। हालांकि महामारी के कारण पिछले 18 महीनों में निजी निवेश की मांग में गिरावट से कर्ज की मांग कम हो गई है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां और काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान समावेशी विकास पर है। सरकार ने न सिर्फ महामारी अवधि में बल्कि पिछले सात वर्षों में कमजोर आर्थिक क्षमता वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के समर्थन के लिए कई योजनाएं शुरू की है। इनमें किसानों के लिए पीएम किसान योजना, सुरक्षित आश्रय योजना पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन के जरिये सुरक्षित पेयजल और सबके लिए बिजली आदि मुहैया कराने की योजनाएं शामिल हैं। आर्थिक मामलों के सचिव ने वित्तीय क्षेत्र के सुधारों पर कहा कि दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) की शुरुआत से 2.4 लाख करोड़ रुपये की फंसी संपत्तियों का समाधान हुआ। वहीं एफडीआई और एफपीआई उदारीकरण जैसे प्रयासों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। इसके अलावा, बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार ने नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइलपाइन और नेशनल मोनेटाइजेशन प्लान की घोषणा की है।