वायरल और टायफाइड को लेकर सतर्क हुआ स्वास्थ्य विभाग

नई दिल्ली। राजधानी में वायरल और टायफाइड के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अस्पतालों की ओपीडी में हर दिन ऐसे रोगी आ रहे हैं, जिन्हें तेज बुखार, उल्टी-दस्त, की शिकायत है। बच्चों को भी यह परेशानियां हो रही हैं। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। सभी अस्पतालों में वायरल, टायफाइड, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं की गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम है। विशेष वार्डों में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। ओपीडी में बुखार के जो मरीज आ रहे हैं। उनकी सभी जांच की जा रही है। इनमें जिन रोगियों में टायफाइड या डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी मिल रही है। उनको खास ख्याल रखा जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बुखार के मामले बढ़ रहे हैं उसको देखते हुए यहां भी सभी तैयारी पूरी की गई है। बच्चों के इलाज के लिए पीड्रियाट्रिक विभाग में पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। हालांकि दिल्ली में कभी-कभी ऐसे मामले आते हैं और चूंकि यह संक्रामक बीमारी नहीं है, यानी एक से दूसरे में कोविड या फ्लू की तरह नहीं फैलती है। इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है। जीटीबी अस्पताल के डॉक्टर विजय कुमार ने बताया कि कोरोना के इस दौर में आम लोगों के लिए सामान्य बुखार और कोरोना की वजह से होने वाले बुखार में अंतर कर पाना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि डायरिया कोरोना संक्रमित मरीजों में भी देखने को मिलता है। ऐसे में आम लोगों के लिए यही सलाह है कि बुखार व अन्य लक्षण होने पर खुद को आइसोलेट रखें। डॉक्टर ने कहा कि डेंगू के मच्छर अधिक उत्पन्न होंगे तो परेशानी बढ़ेगी इसलिए घर के आसपास के वातावरण को साफ रखना जरूरी है। बारिश का पानी जमा होने पर डेंगू का मच्छर उत्पन्न हो सकते हैं। डेंगू व चिकनगुनिया के मच्छर बहुत दूर तक नहीं जाता है। पानी जमा होने पर जहां मच्छर उत्पन्न होंगे, उसके 50 मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। डेंगू का मच्छर दिन में अधिक काटता है इसलिए डेंगू के बचाव के लिए पूरे बाजू का कपड़ा पहनना चाहिए।

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