नई दिल्ली। राजधानी में तेजी से बढ़ रहे वायरल और फ्लू के मामलों के बीच विशेषज्ञों ने कोरोना जांच में कमी न करने की सलाह दी है। बीते दिनों दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि फ्लू और कोरोना के लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं। ऐसे में मौसमी बीमारियों के बीच कोविड जांच भी इसी गति से चलती रहनी चाहिए। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। इसमें राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल मौजूद रहे। बैठक में राजधानी में कोरोना के हालातों पर चर्चा की गई। डॉ. सुजीत ने कहा कि दिल्ली में लंबे समय से कोरोना के मामले 100 से नीचे बने हुए हैं। हालांकि शाहदरा जिले में पिछले कुछ सप्ताह से संक्रमितों में इजाफा हुआ है। ऐसे में यह जरूरी है कि कोरोना जांच इसी गति से चलती रहे। डॉ. पॉल ने कहा कोरोना से बचाव के नियमों के पालन में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। कंटेनमेंट जोन की नीति भी इसी तरह लागू रहनी चाहिए। साथ ही इंफ्लूएंजा जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की ट्रेसिंग भी करनी चाहिए। दिल्ली में पिछले करीब 52 दिनों से कोरोना के दैनिक मामले 100 से नीचे बने हुए हैं। साथ ही संक्रमण दर भी 0.10 फीसदी के कम है, हालांकि फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए विशेषज्ञों ने कोरोना जांच इसी तरह करने और कंटेनमेंट जोन की नीति को इसी प्रकार लागू रखने की सलाह दी है।