शहर में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए तैयार की जा रही है योजना: स्वास्थ्य अधिकारी

उत्‍तराखंड। स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग सुधारने को नगर निगम को सार्वजनिक शौचालयों पर ध्यान देने की दरकार है। निगम मानकों के हिसाब से सार्वजनिक शौचालय को तो बनाना चाहता है। पैसा और प्लान सब तैयार हैं, लेकिन शहर में निगम को जगह ढूंढे नहीं मिल रही है। कुछ जगहों पर हाईटेक शौचालय भी बनने हैं। मगर, इनके लिए निगम को कुछ जगहों पर अपनी भूमि नहीं मिल रही है। दरअसल स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर हासिल करने के लिए सार्वजनिक शौचालयों का होना बड़ा मानक है। मानकों के हिसाब से हर कमर्शियल स्थान के आधा किलोमीटर की परिधि में एक सार्वजनिक शौचालय होना चाहिए। लेकिन शहर में ज्यादातर स्थानों में ऐसा नहीं है। वर्तमान में नगर निगम के बनाए शहर में कुल 46 सार्वजनिक शौचालय मौजूद हैं। इनमें से कुछ तो जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंच गए हैं और कुछ पर कब्जा हो चुका है। ऐसे में इन्हें ठीक कराना भी निगम के लिए चुनौती भरा काम होगा। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कैलाश जोशी ने बताया कि शहर में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए योजना तैयार की जा रही है। लेकिन शहर में कहीं भी इनके निर्माण के लिए नगर निगम की भूमि उपलब्ध नहीं है। इस काम के लिए निगम के हर जिम्मेदार विभाग को भूमि तलाश में लगाया गया है। इसके लिए शहरी विकास निदेशालय में पांच करोड़ रुपये का बजट भी मौजूद है और डिटेल्ड प्राजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर भेजनी है। यदि इन शौचालयों का निर्माण हो जाता है, तो अगले साल निश्चित तौर पर स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम की रैंकिंग और सुधर जाएगी।

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