श्रद्धालुओं के लिए नवंबर तक समर्पित होगा काशी विश्वनाथ धाम

वाराणसी। गंगा के तट पर शिवशंकर का धाम साकार हो रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की गुलाबी आभा श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। अभी तक धाम का 72 फीसदी काम हो चुका है और नवंबर तक यह पूर्ण हो जाएगा। गंगधार से शिवद्वार तक निर्मित हो रहे धाम का काम तेजी से हो रहा है। कॉरिडोर के जरिए गंगा तट से शिवधाम को जाने वाला मार्ग भी जुड़ चुका है। काशी विश्वनाथ काॅरीडोर करीब 50,260 वर्ग मीटर में बनकर तैयार हो रहा है। मंदिर चौक के बाहर की सभी 24 भवनों की इमारतें खड़ी हो गई हैं। इमारतों की फिनिशिंग का काम किया जा रहा है। बाबा का मंदिर नक्काशीदार इमारतों और खंभों के बीच में स्वर्णिम आभा से चमक रहा है। उपनिषद, वेद और पुराणों के आधार पर जुटाई गई जानकारियों से काशी के महात्म्य का चित्रात्मक वर्णन, श्लोक संख्या, हिंदी अनुवाद समेत संगमरमर की दीवारों पर उकेरा जा रहा है। वहीं धाम में प्रवेश के लिए बनाए जा रहे द्वार भी अपनी भव्यता से आने वाले श्रद्धालुओं को धाम के विकास की कहानी बताएंगे। धाम का निर्माण 345 करोड़ से हो रहा है। मंदिर परिसर में मंदिर चौक, यात्री सुविधा केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोग शाला, यूटिलिटी बिल्डिंग, सुरक्षा भवन बनाए जा रहे हैं। धाम में मिर्जापुर के चुनार के गुलाबी पत्थर प्रयोग किए जा रहे हैं। गंगा छोर पर गेट, रैंप भवन, कैफेटेरिया और गंगा दर्शन गैलरी के निर्माण के चलते बजट में बढ़ोतरी की गई थी। श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रख परियोजना में कई संशोधन किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट यह धाम देश की हाईटेक सुरक्षा प्रणाली से भी लैस होगा। गृहमंत्री अमित शाह धाम परिसर में सुरक्षा मानकों को हाईटेक और सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने की बात कह चुके हैं। सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए 5.43 करोड़ रुपये से उपकरण खरीदे जाएंगे। इनमें 31 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर, 47 हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर, 11 एक्स-रे बैगेज स्कैनर और 19 महिला तलाशी बूथ शामिल हैं। परिसर में अभी त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है। धाम में बन रहे 24 भवनों के संचालन के लिए सलाकार की नियुक्ति के लिए निविदा जारी कर दी गई है। कंसलटेंट भवनों के रेवेन्यू मॉडल पर मंदिर प्रशासन को सलाह देगा। भवनों को आय से जोड़ने के लिए विभिन्न गतिविधियों के लिए पीपीपी मॉडल का सहारा लिया जाएगा। परिसर को काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के जरिए संचालित करने की भी सलाह दी गई है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का काम 72 फीसदी से अधिक पूर्ण हो चुका है। नवंबर तक काशी विश्वनाथ धाम आम श्रद्धालुओं के लिए समर्पित हो जाएगा।

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