नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में जन्माष्टमी की धूम शुरू हो चुकी है। स्थानीय मंदियों में तो भीड़ नहीं है, लेकिन इस्कॉन में विधिवत उत्सव शुरू हो गया है। श्रद्धालु सवेरे से ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मंदिरों में जमा हो चुके हैं। सवेरे की प्रार्थना भी की गई है। वैसे दिल्ली में इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव फीका रहने वाला है। कोविड की वजह से दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने मंदिरों में भीड़ जुटाने की इजाजत नहीं दी है। इसकी वजह से श्रद्धालु भी खासे निराश हैं। डीडीएमए ने सख्ती दिखाते हुए श्रद्धालुओं को मंदिर न जाकर घर पर ही त्योहार मनाने की सलाह दी है। इसको देखते हुए इस बार मंदिर भी सूने दिखाई दे रहे हैं। पिछले सालों की तुलना में इस साल मंदिरों की सजावट नहीं की गई है। मंदिर मार्ग पर स्थित प्रसिद्ध बिड़ला मंदिर में इस साल कोई सजावट नहीं की गई है। कोरोना काल से पहले यह भव्य मंदिर कृष्ण जन्माष्टमी से हफ्ते भर पहले से ही रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगाने लगता था। लेकिन इस साल जन्माष्टमी से एकदिन पहले मंदिर परिसर में रौनक नहीं थी। मंदिर मार्ग पर स्थित बाकी मंदिरों में भी करीब यही हाल है। यहां भी इस साल जन्माष्टमी का उत्सव मनाने की अभी तक कोई तैयारी नहीं है। दिल्ली में कोरोना के मामले जरूर घटे हैं। लेकिन कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। दिल्ली में बाजार, सिनेमा हॉल, कार्यक्रम स्थल, पार्क और अब स्कूल भी खोलने का डीडीएमए ने निर्णय ले लिया है। लेकिन धार्मिक स्थलों में सामूहिक जमावड़े को प्रतिबंधित किया हुआ है। इसके अलावा लोगों से अफील भी की है कि वह आने वाले समय में संयम बरतते हुए त्योहारों कों मनाएं। लोगों को घरपर रहते हुए त्योहार मनाने की सलाह भी दी है।