बदरीनाथ धाम में छह माह के लिए वेद ऋचाओं का वाचन हुआ बंद
उत्तराखंड। बृहस्पतिवार को भगवान बदरीनाथ की महाभिषेक पूजा के बाद शीतकाल में वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो गया। वेद उपनिषदों को सम्मानपूर्वक मंदिर संरक्षण में रखा गया। बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि वेद मंत्रों की ऋचाओं की प्राचीन आठ शैलियां हैं। वेद मंत्रों की प्राचीन शैली में ही आज भी बदरीनाथ धाम में वेद पाठ होते हैं। प्रतिदिन भगवान बदरीनाथ को वेद मंत्रों का एक अध्याय अर्पित किया जाता है। ग्रीष्मकाल में छह माह तक धाम में इन अध्यायों को पांच बार पढ़ने की परंपरा है। यह परंपरा आदि गुरु शंकराचार्य ने शुरू की थी। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ धाम में बृहस्पतिवार को धार्मिक परंपरा के अनुसार खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया। 20 को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इस मौके पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, देवस्थानम बोर्ड के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, सुनील तिवारी, दफेदार कृपाल सनवाल के साथ ही कई तीर्थयात्री मौजूद थे।