कृषि क्षेत्र में भारत को हासिल हुई बड़ी कामयाबी

नई दिल्‍ली। IFFCO ने अपने नैनो टैक्नोलॉजी आधारित उर्वरक नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के लिए 20 साल के लिए पेटेंट हासिल किया। इसकी जानकारी इफको के एमडी यूएस अवस्थी ने ट्विटर पर दी।

यूएस अवस्थी ने कहा, इफको नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का पेटेंट भारतीय अर्थव्यवस्था को कृषि लागत में कमी लाकर मजबूत करेगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने और उनकी प्रेरणा के मुताबिक किसानों की आय को दोगुनी करेगा।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में पूर्णतया स्वदेशी नैनो खाद पर्यावरण मित्र और फसलों के अनुपात में इस्तेमाल का गुण होने के कारण स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अनुकूल होगी।

इफको को यह सफलता उसके गुजरात के कलोल स्थित नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर- एनबीआरसी के वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्‍त हुई है। इस नैनो खाद को जल्द ही बाजार में उपलब्ध कराने के लिए तेजी से काम शुरू हो गया है। जुलाई 2021 से ही इफ्को नैनो यूरिया विकसित कर किसानों को दे रहा है।

यहीं नही, इफ्को वर्तमान में नैनो जिंक और नैनो कॉपर भी विकसित करने की कोशिश में जुटा है। नैनो डीएपी भी नैनो यूरिया की तरह से 500 एमएल की बोतल में होगी। यानी किसानों को 50 किलो की बोरी की जगह, बहुत कम डीएपी में काम हो जाएगा। इसकी कीमतों को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है, लेकिन आकलन के मुताबिक यह छह सौ रुपये प्रति बोतल हो सकती है।

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