नई दिल्ली। विश्व स्ट्रोक दिवस पर दिल्ली एम्स ने देश को एक मोबाइल एप समर्पित किया है। इस एप की सहायता से हर जिले में बैठा कोई भी डॉक्टर मरीज की जान बचा सकता है। आमतौर पर किसी भी मरीज को स्ट्रोक आने पर तत्काल इलाज जरूरी होता है, जिसके लिए उसे नजदीकी बड़े अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन देश में लंबे समय से इन डॉक्टरों की भारी कमी है। ऐसे में एम्स के डॉक्टरों ने एक अलग विकल्प चुनते हुए तकनीक की मदद लेते हुए डॉक्टरों के लिए यह एप तैयार किया है, जो एमबीबीएस डॉक्टर को प्रशिक्षित करेगा। शुक्रवार को एम्स के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. एमवी पद्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि देश में हर 20वें सेंकड में किसी न किसी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक हो रहा है, लेकिन समय पर इलाज न मिलने की वजह से हर दो मिनट में इनमें से एक मरीज की मौत हो रही है। गौर करने वाली बात है कि ब्रेन स्ट्रोक का हर चौथा मरीज युवा आयु से जुड़ा है। चूंकि देश में अभी करीब तीन हजार न्यूरोलॉजिस्ट ही तैनात हैं। ऐसे में सालाना 18 लाख मरीजों की जिम्मेदारी इन्हीं पर होती है। इतनी बड़ी तादाद में मरीजों को उपचार दे पाना संभव भी नहीं है। इसलिए एप बनाया है, जिसका इस्तेमाल जिला स्तर पर कोई भी डॉक्टर कर सकता है।