Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी. यह उनका पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के नाते छठा बजट होगा. इससे पहले मोरारजी देसाई ने लगातार पांच आम बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था. इसी कड़ी में चलिए जानते है बजट के जुडे कुछ इतिहास के बारे में….
दरअसल, देश के इतिहास में एक ऐसा भी बजट पेश हुआ था, जिससे ब्लैक बजट कहा गया. इतना ही नहीं और भी बजट रहा, जिसके लिए प्रधानमंत्री को बजट भाषण के दौरान माफी भी मांगनी पड़ी. भारतीय बजट के इतिहास से जुड़ी इन बातों के बारे में आइए विस्तार से जानते है.
Budget 2024: इंदिरा गांधी ने सदन में मांगी थी माफी
आपको बता दें कि 28 फरवरी 1970 के दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पीएम के पद पर होते हुए भी उन्होंने वित्तीय सत्र 1970-71 के देश के आम बजट को पेश किया था. पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के मिजाज, खासतौर पर उनके सख्त लहजे से सभी वाकिफ थे.
जब उन्होंने अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि मुझे माफ कीजिएगा तो यह सुनकर लोकसभा के अधिकांश सदस्य हैरान रह गए. सभी के जहन में एक ही सवाल था कि ऐसा क्या होने वाला है, जिसके लिए इंदिरा गांधी ने पहले ही माफी देने की बात कह दी. लेकिन जब इंदिरा गांधी ने अपने भाषण को आगे बढ़ाया तो सभी का शक दूर हो गया और सभी में मन में चल रहें सवालों का भी उन्हें जवाब मिल गया.
Budget 2024: राजस्व बढ़ाने को लिया गया था फैसला
दरअसल, इंदिरा गांधी को राजस्व बढ़ाना था, इसलिए उन्होंने अपने बजट में सिगरेट पर लगी ड्यूटी को 3 फीसदी से बढाकर 22 फीसदी कर दिया. ड्यूटी बढ़ाने से पहले ही उन्होंने कहा कि मुझे माफ कीजिएगा, लेकिन मैं इस बार सिगरेट पीने वालों की जेब पर भार डालने वाली हूं. सिगरेट पर ड्यूटी बढ़ाने के बाद इंदिरा गांधी ने कहा कि इससे सरकार के राजस्व में 13.50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त इजाफा हो जाएगा.
Budget 2024: आयकर में हुई वृद्धि
हालांकि सिगरेट पर लगी इस ड्यूटी से सिगरेट पीने वालों को जोरदार झटका लगा था. इसके साथ ही उन्होंने आयकर में छूट की सीमा भी बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दिया था. इस पर उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाकर 40 हजार रुपये किया जा रहा है.
Budget 2024: इंदिरा गांधी के कार्यकाल का ‘ब्लैक बजट’
इसके अलावा वित्त वर्ष 1973-74 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव बी चव्हाण की ओर से पेश किए गए बजट को भारतीय इतिहास का काला बजट या ब्लैक बजट का नाम दिया गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उस बजट में 550 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा दिखाया गया था. यह उस समय तक का सबसे बड़ा बजट घाटा था. कहा जाता है कि इस बजट पर साल 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध और खराब मानसून का प्रभाव पड़ा था.
इस साल हुई नई शुरुआत
इसके साथ ही बजट से जुडे एक और रोचक तथ्य आपको बता दें कि वर्ष 1955 तक केवल अंग्रेजी भाषा में ही बजट पेश होता था. लेकिन वित्त वर्ष 1955-56 से पहली बार अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषा में बजट छापा गया था.
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