C-295 aircraft news updates: भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। आपको बता दें कि मेक इन इंडिया के तहत लड़ाकू विमान के कल पुर्जे भारत में ही बना रहे हैं। जिससे भातीय वायु सेना दिन प्रतिदिन मजबूत होती जा रही है। भारतीय वायु सेना की कार्यशैली, बढ़ती ताकत और लड़ाकू विमान की बारीक जानकारी लोगों को हो, इसके लिए आगरा के खेरिया हवाई अड्डे पर भारतीय वायु सेना के द्वारा मीडिया ओरियंटेशन कैप्सूल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे वायु सेना के अधिकारियों के द्वारा वायु सेना का इतिहास और लड़ाकू विमान के बारे में जानकारी दी।
वायु सेना के अधिकारियों ने बताया जल्द ही स्पेन से नया सी- 295 माल वाहक विमान मिलने जा रहे हैं। इन विमान का बेड़ा आगरा वायु सेवा स्टेशन में ही तैनात होगा। मालवाहक विमान को लेकर स्क्वाड्रन का गठन होगा। साथ ही छोटे रनवे पर ये विमान आसानी से टेक ओवर और लैंड कर सकता है। ये विमान 43 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। आगरा में पहले से ही मालवाहक विमान सी-17 ग्लोबमास्टर, an-32 c-130 हरक्यूलिस सहित और भी अभिमान मौजूद है। लेकिन C- 295 आने से एयर फोर्स की ताकत और बढ़ जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि A-32 जहाज के द्वारा कमांडो को ट्रेनिंग दी जाती है। इसी विमान से कमांडो जंप करते हैं। वायु सेवा के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि 8 अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना की स्थापना हुई थी। आजादी के बाद सर थॉमस अल्महास्टर्ड को भारतीय वायु सेना का पहला चीफ एयर मार्शल घोषित किया गया। देश के आजाद होने से पहले इस सेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता था। आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से रॉयल शब्द को हटा कर इंडियन एयर फोर्स कर दिया गया। वायुसेना के पहले चीफ ने एक अप्रैल 1933 kk वायुसेना का पहला दस्ता बनाया था। जिसमे 6 आरएएफ ट्रेंड ऑफिसर और 19 जवानों को शामिल किया गया था। सुखोई विमान 30 MKI को भारतीय वायुसेना की रीड की हड्डी कहा जाता है।