सावधान: एल्युमिनियम फॉयल का इस्ते‍माल सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक

लाइफस्‍टाइल। आजकल ज्यादातर घरों में रोटी, पराठा, सैंडविच, सब्जी, कटे हुए फल, सलाद आदि को फ्रेश और गर्म रखने के लिए एल्युमिनियम फॉयल का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। बच्चों का टिफिन बॉक्स हो या फिर ऑफिस ले जाना हो खाना, एल्युमिनियम फॉयल का यूज अधिकतर लोग करते हैं। इसमें खाना गर्म रहने के साथ ही फ्रेश भी बना रहता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अधिक एल्युमिनियम फॉयल का इस्तेमाल करना सेहत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है? जी हां, आइए जानते हैं सेहत के लिए किस तरह से नुकसानदायक है एल्युमिनियम फॉयल।

एल्युमिनियम फॉयल में खाना रैप करने के नुकसान

-एल्युमिनियम फॉयल पेपर के नुकसान बिल्कुल वैसे ही हैं जैसे कि हम कोई भी खाना एल्युमिनियम के बर्तनों में बनाते हैं। एल्युमिनियम के बर्तनों में खाना बनाने से इसके तत्व भोजन में मिक्स हो जाते हैं। हालांकि, एल्युमिनियम फॉयल पेपर में ये तत्व बहुत अधिक मात्रा में फूड में नहीं जाता है। एल्युमिनियम के बर्तन में खाना बनाने और फॉयल पेपर में रैप करने में काफी फर्क है। आप अगर खाना एल्युमिनियम फॉयल में रैप करने की बजाय बेक करते हैं तो ये अधिक नुकसानदायक हो सकता है। आजकल लोग इसका इस्तेमाल डेली करने लगे हैं, ऐसे में जितना इस तरह के मेटल के बर्तनों, फॉयल आदि का इस्तेमाल कम करेंगे, उतना ही हेल्थ के लिए फायदेमंद होगा।

-स्टडी के मुताबिक, भोजन में एल्युमिनियम कंटेंट मिक्स हो जाते हैं, जिससे आगे जाकर बच्चों की सेहत, उनकी हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है। चूंकि, हमारा वातावरण आज फ्रेंडली नहीं है, कई तरह के बैक्टीरिया, वायरस, प्रदूषण आदि हैं, ऐसे में आवश्‍यक है कि सही और हेल्दी चीजों का चुनाव करें। यदि एल्युमिनियम के बर्तन या फॉयल पेपर से थोड़ा सा भी सेहत को नुकसान पहुंचने की संभावना है, तो इसका इस्तेमाल ना करना ही बेहतर है। कुछ लोग रोटी, अचार, सलाद, फल आदि को अखबार में लपेट कर रख देते हैं, इससे भी बचना चाहिए। आप एल्युमिनियम फॉयल की जगह बटर पेपर, साफ कपड़ा, फूड रैपिंग पेपर, बेकिंग पेपर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये सभी चीजें मार्केट में उपलब्ध हैं और एल्युमिनियम फॉयल के मुकाबले एक बेहतर ऑप्‍शन हैं।

-प्रतिदिन आप चीजों को एल्युमिनिय फॉयल में रैप करते हैं, इसका इस्तेमाल करते हैं तो अल्जाइमर रोग होने की संभावना भी काफी हद तक बढ़ जाती है. अल्जाइमर डिजीज मस्तिष्क की कोशिकाओं के नुकसान के कारण होने वाली एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है. जिन लोगों को अल्जाइमर की समस्या होती है, उनमें मेमोरी लॉस और मस्तिष्क के कार्य क्षमता में कमी आ जाती है. बहुत ज्यादा डायटरी एल्युमिनियम के इस्तेमाल से अल्जाइमर जैसी ब्रेन डिजीज भी हो सकती है।

-एल्युमिनियम फॉयल में यदि दो घंटे से अधिक देर तक फूड रैप करके रखा रहे तो यह शरीर के लिए हानिकारक होता है। इसमें रखे भोजन में धीरे-धीरे एल्युमिनियम मिक्स हो जाता है, जो शरीर में जाकर जिंक की जगह लेता है। जिंक रिप्लेसमेंट के कारण शरीर में इंसुलिन के बैलेंस में गड़बड़ी आ सकती है। इससे डायबिटीज होने की संभावना बढ़ सकती है।

-अगर आप हर दिन एल्युमिनियम फॉयल में खाना पैक करते हैं और उसका घंटों बाद सेवन करते हैं तो यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कमजोर कर सकता है, जिससे आपके शरीर की बीमारियों और इंफेक्शन से लड़ने की ताकत भी कम हो सकती है। ऐसे में आप बार-बार बीमार पड़ सकते हैं।

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