दिल्ली पुलिस में शामिल किया गया ई-पॉड

टेक्नोलॉजी। दिल्‍ली पुलिस की रश्मि चौधरी 25 वर्षीय पुलिस कर्मियों में से एक हैं जिन्हें दिल्ली पुलिस के पहले ई-पॉड जिसे ‘रथ’ कहा जाता है से गश्त करने के लिए तैनात किया गया है। इलेक्ट्रिक-ट्रांजिट पॉड पर 6 फीट और 4 इंच की ऊंचाई पर खड़ी प्रोबेशनरी सब-इंस्पेक्टर रश्मि चौधरी पिछले एक हफ्ते से कनॉट प्लेस की गैलरियों और मार्केट एरिया में पेट्रोलिंग कर रही हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में जी-20 समिट की तैयारियों के बीच सस्टेनेबल मोबिलिटी प्रोजेक्ट के अंतरगत पुलिस के द्वारा ट्रांजिट पॉड को शामिल किया गया है। दो महीने पहले दिल्ली पुलिस में शामिल हुई रश्मि ने कहा कि ई-पॉड उन्हें क्षेत्र में ‘पुलिस उपस्थिति दिखाने’ का मौका देता है।

रश्मि ने कहा ‘मुझे फील्डवर्क का शौक है। मुझे जमीन पर रहना और लोगों की मदद करना  बेहद ही अच्छा लगता है। मुझे बाइक चलाने का शौक नहीं है। लेकिन मुझे स्कूटर पर पेट्रोलिंग करना अच्छा लगता है। पिछले हफ्ते मेरे सीनियर्स ने मुझे ई-पॉड दिया और पेट्रोलिंग शुरू करने को कहा।’ उन्होंने कहा ‘यह आसानी से चलाया जा सकता है। मुझे आश्चर्य हुआ क्योंकि मैंने कभी ई-बाइक या ई-स्कूटर चलाने की कोशिश नहीं की, जबकि मैंने मिनटों में ई-पॉड की सवारी करना सीख लिया। इससे एक फायदा यह भी है कि लोग पुलिस को दूर से ही देख सकते हैं। इस ई-पॉड को दिल्ली की एक निजी फर्म कॉस्मिक हीलर्स प्राइवेट लिमिटेड  द्वारा बनाया गया है। यह छह घंटे के रन टाइम के साथ आता है। साथ ही इसके लिए तीन घंटे की चार्जिंग की आवश्यकता होती है। तथा इसकी स्‍पीड 20-30 किमी/घंटा के करीब है इसमें एक बीकन लाइट, एक सायरन, एक सार्वजनिक घोषणा प्रणाली और दो स्टोरेज बॉक्स भी लगे हुए हैं। कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में तैनात सब-इंस्पेक्टर लवली और हेड कांस्टेबल सुनील कुमार और राजेंद्र कुमार भी ई-पॉड का इस्तेमाल कर रहे हैं हालांकि पुलिस ने कहा कि ई-पॉड की अपनी सीमाएं हैं। पुलिस ने कहा कि यह हर अधिकारी के लिए सही विकल्प नहीं हो सकता है क्योंकि इसकी गति सीमित है। इसलिए इससे अपराधियों का पीछा करना मुश्किल हो सकता है। तथा इसमें कोई सीट नहीं है और इसकी सवारी खड़े होकर की जाती है।

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