नई दिल्ली। केंद्र सरकार इसी साल डिजिटल क्रेडिट सेवा शुरू करने की योजना बना रही है। केंद्रीय सूचना एवं तकनीकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार इस साल डिजिटल क्रेडिट सेवा शुरू करेगी, जिससे छोटे रेहड़ी लगाने वाले भी बड़े बैंकों से कर्ज ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रेडिट सेवा को यूपीआई सेवा की तरह पेश किया जाएगा।
डिजिटल पेमेंट उत्सव को संबोधित करते हुए आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डिजिटल क्रेडिट सेवा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल भारत’ नजरिए के तहत बड़ी उपलब्धि होगी। इसे 2023 में ही लाया जाएगा और इसे यूपीआई सेवा की तरह पेश किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिजिटल क्रेडिट का एक अच्छा निर्माण किया जाएगा। इस साल हम डिजिटल क्रेडिट शुरू करेंगे और एनपीसीआई अगले 10-12 महीनों की अवधि में इसमें बड़ी बढ़त हासिल करेगा। इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने यूपीआई के लिए वॉयस-आधारित पेमेंट सिस्टम के एक प्रोटोटाइप का अनावरण भी किया।
वॉयस-आधारित पेमेंट सिस्टम:-
आईटी मंत्री ने कहा कि लोग जल्द ही अपनी स्थानीय भाषा में फोन पर बात करके भुगतान कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह सेवा 18 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी। इस कार्यक्रम में बोलते हुए, MeitY के सचिव अल्केश कुमार शर्मा ने कहा कि अब यूपीआई को एक ग्लोबल पेमेंट प्रोडक्ट बनना चाहिए।
इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने पहले ही यूपीआई मॉडल वाले नेपाल, सिंगापुर, भूटान, यूके और यूएई के साथ साझेदारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि यूपीआई सेवाएं अब ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, यूएई, यूके और यूएसए में एनआरआई जैसे 10 देशों के लिए सक्षम होंगी।
PayNow और UPI:-
आईटी सचिव ने आगे कहा कि सिंगापुर के पेनाउ (PayNow) सिस्टम के साथ भारत के यूपीआई का एकीकरण चल रहा है, जो जल्द ही रियल टाइम में पेमेंट को सक्षम करेगा। बता दें कि 8 फरवरी को ही भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि भारत आने वाले सभी यात्रियों को देश में रहने के दौरान अपने व्यापारिक भुगतानों के लिए यूपीआई का उपयोग करने की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है।