बच्चों पर डीसीपीसीआर ने लॉन्च किया पहला जर्नल
नई दिल्ली। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने चिल्ड्रन फर्स्ट: जर्नल ऑन चिल्ड्रन्स लाइव्स नामक जर्नल लांच किया। जर्नल में चर्चा, बेहतर अभ्यास को साझा करने, प्रतिबिंब, आलोचना-समालोचना, नीति व विभिन्न समीक्षा और अनुसंधान को शामिल किया गया है। पहले अंक का विषय बच्चों के जीवन पर कोरोना महामारी का प्रभाव रखा गया है। जर्नल लांच के दौरान मौके पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह जर्नल बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा, जो समाज को बच्चों के अधिकारों व उनके बेहतर पेरेंटिंग के प्रति जागरूक बनाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने ये दिखाया है कि हम बच्चों के जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों को कितना कम समझते हैं। यह जर्नल बच्चों के अधिकारों के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाने के साथ-साथ उनमे इस मुद्दे के प्रति गंभीरता से समझ विकसित करने का काम करेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमें ये विश्लेषण करने की जरुरत है कि आज हम अपने बच्चों की बेहतरी व अच्छे के विषय में सोचकर जो कुछ करते हैं उनमे से कई चीजे बहुत खराब होती हैं, जिसका हमें अंदेशा नहीं होता है। हम प्यार, पढ़ाई, परवाह और मान्यताओं को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में देने के नाम पर बच्चों पर जो चीजे थोपते आए हैं उसने बच्चों को पिंजरे में कैद करने का काम किया है और इससे बचपन खो रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों की बेहतरी के लिए उन्हें अच्छा वातावरण देने की जरुरत है न की उनपर चीजे थोपने की। जर्नल के पहले अंक में दिल्ली के एक सरकारी स्कूल से लेकर आंध्र प्रदेश की कहानियों और राजस्थान के ग्रामीण आदिवासियों से लेकर असम के समुदायों के संघर्षों के बारे में चर्चा की गई है। पहले अंक के लिए देश भर के 100 से अधिक लेखकों से प्रस्तुतियां मिली थी। इनमें से शोध, लेख और पुस्तक समीक्षा सहित 26 लेखों को प्रकाशित किया गया है। इंडियन इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट, यूनीसेफ इंडिया की प्रमुख यासमीन अली हक, कालकाजी से विधायक आतिशी, शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा व डीसीपीसीआर के चेयरपर्सन अनुराग कुंडू सहित अन्य लोग शामिल रहे।