CJI BR Gavai: सीजेआई बीआर गवई सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद पहली बार गृह राज्य महाराष्ट्र पहुंचे, प्रोटोकॉल का पालन न करने पर नाराजगी जताई। जानकारी के मुताबिक, 14 मई को सीजेआई के रूप में शपथ लेने वाले जस्टिस बीआर गवई महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल की ओर से आयोजित सम्मान समारोह के लिए मुंबई में थे। हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र से आने वाले मुख्य न्यायाधीश गवई, केजी बालाकृष्णन के बाद भारतीय न्यायपालिका का नेतृत्व करने वाले दूसरे दलित हैं।
चैत्यभूमि में नजर आए तीनों अधिकारी
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीस सीजेआई गवई की टिप्पणी के कुछ घंटों बाद ही तीनों शीर्ष अधिकारी उस समय मौजूद नजर आए, इसी दौरान तब न्यायमूर्ति गवई प्रतिष्ठित समाज सुधारक डॉ. बीआर आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए दादर में अंतिम संस्कार स्थल चैत्यभूमि गए थे।
गोवा में आयोजित किया सम्मान समारोह
जानकारी के मुताबिक, सीजेआई जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट के 52वें न्यायाधीश हैं। जोकि शपथ लेने के बाद पहली बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एवं गोवा की ओर से आयोजित अपने सम्मान समारोह में पहुंचे थे। सीजेआई ने कहा, वह ऐसे छोटे मुद्दों पर ध्यान नहीं देना चाहते। लेकिन जब किसी अंग या संस्था का प्रमुख पहली बार राज्य में आ रहा हो, खासकर जब वह भी उसी राज्य का हो, तो उनके साथ किया गया व्यवहार सही था या नहीं, यह उन्हें स्वयं सोचना चाहिए।
सभी स्तंभों को मिलकर काम करना
सीजेआई गवई ने कार्यक्रम में कहा कि संविधान सबसे सर्वोच्च है। हम आपको बता दें कि, इसके सभी स्तंभों को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कह कि मुझे खुशी है कि देश न केवल मजबूत हुआ है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक मोर्चों पर भी विकसित हुआ है। न तो न्यायपालिका, न कार्यपालिका और न ही विधायिका सर्वोच्च है, बल्कि भारत का संविधान सर्वोपरि है और तीनों अंगों को उसके अनुसार काम करना होगा।
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