Intelligence Agency: जम्मू कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी इक्ट्ठा करने और दुनिया के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल की इंटेलिजेंस ब्रांच को और ज्यादा मजबूत करने के लिए जल्द ही सीआरपीएफ में 659 अधिकारी और कर्मी तैनात होंगे. एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि इंटेलिजेंस ग्रिड के लिए 659 पदों के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गई है.
सूत्रों के मुताबिक, अर्धसैनिक बल को खुफिया ग्रिड के लिए करीब तीन दर्जन वरिष्ठ अधिकारी और मिलेंगे. अधिकारियों ने कहा कि ये कर्मी केवल खुफिया विंग के लिए समर्पित होंगे. क्योंकि सीआरपीएफ का दायरा अब बढ़ रहा है और श्रीनगर क्षेत्र में अधिक महत्वपूर्ण कार्य करेगी.
सभी पदों के लिए मिली मंजूरी
जम्मू-कश्मीर उत्तर पूर्व और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सीआरपीएफ के मुख्यालय और 43 बटालियनों की इस विभाग में जांच की गई है और सभी पदों के लिए मंजूरी भी दे दी गई है. नौ कमांडेंट, 25 डिप्टी कमांडेंट, 107 इंस्पेक्टर, 112 सब इंस्पेक्टर, 189 हेड कांस्टेबल और 182 कांस्टेबल आदि के पदों पर इन अधिकारियों की तैनाती होनी हैं.
9 पदों को किया जाएगा खत्म
सूत्रों की मानें तो आने वाले अधिकांश ग्राउंड इंटेलिजेंस स्टाफ को खुफिया प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए जम्मू-कश्मीर में तैनात किया जाएगा. खुफिया निदेशालय महानिरीक्षक की समग्र देखरेख में कार्य कर रहा है. उन्हें DIG, कमांडेंट और जनसंपर्क अधिकारी द्वारा सहायता प्रदान की जाती है. इस तैनाती में सीआरपीएफ के 9 सेक्टर हेडक्वार्टर, 17 रेंज हेडक्वार्टर और 43 बटालियनों में इन 659 खुफिया अधिकारियों को तैनात किया जाएगा. गृह मंत्रालय ने पत्र जारी कर इन नियुक्तियों की अनुमति दी है. साथ ही 9 पदों को खत्म भी करने की बात कही है.
विभिन्न प्रौद्योगिकी-आधारित समर्थन जोड़ने की बन रही योजना
आईटीबीपी ने लद्दाख में, खासकर आगे के इलाकों में सैनिकों की संख्या बढ़ाने का भी फैसला किया है. बल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहित विभिन्न प्रौद्योगिकी-आधारित समर्थन जोड़ने की भी योजना बना रहा है. आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में खुफिया जानकारी जुटाने में मदद के लिए विभिन्न उपकरण खरीदे जाएंगे.