खतरनाक है कोरोना के बीच ही मंकीपाक्स का दस्तक

नई दिल्‍ली। यूरोपीय देशों में कोरोना संक्रमण जहां तेजी से पांव पसार रहा है, वहीं भारत में भी संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली हैजो चिन्ता बढ़ाने वाली है। यूरोप में बीते डेढ़ माह में कोरोना संक्रमण के तीन गुना मामले बढ़े हैंजो वैश्विक स्तर पर सभी संक्रमणों का आधा है और यहां भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी दो गुनी हो गई है।

विश्व स्वास्थ्य संघटन के यूरोप के निदेशक हंस क्लूज ने इसे हल्के में न लेने की चेतावनी दी हैजबकि भारत में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले 24 घण्टे के दौरान जो आंकड़ा प्रस्तुत किया है वह चौथी लहर की आशंका को बल देता है। पिछले कई दिनों बाद 24 घण्टे में 21566  करोड़ संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं। देश में 148881 सक्रिय मरीज हैं और प्रतिदिन का पाजिटिव रेट 4.25 प्रतिशत है।

हालांकि रिकवरी रेट 98.46 प्रतिशत हैजो राहत की बात है। अब तक चार करोड़ 31 लाख 50 हजार 434 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं। इसका प्रमुख कारण टीकाकरण है जिसकी गति को बढ़ाया गया है पिछले 24 घण्टों में 29 लाख 12 हजार 855 लोगों को वैक्सीनेट किया गयाइसकी गति को और तेज किए जाने की जरूरत हैक्योंकि कोरोना का खतरा अभी तक बना हुआ हैइसलिए जिन लोगों ने टीकाकरण नहीं कराया हैउन्हें तत्काल कोरोनारोधी टीका लगवाना चाहिए।

साथ ही अन्य आवश्यक बचाव का अनुपालन करना भी जरूरी है। इसमें लापरवाही घातक साबित हो सकती है। लोग लापरवाही बरत रहे हैंजबकि कोरोना के साथ ही मंकीपाक्स ने भी दस्तक दे दी है। मास्क अनिवार्यतः लगाने और भीड़भाड़ से बचने की जरूरत है। जनता को पूरी सावधानी बरतनी होगीतभी संक्रमण की गतिको रोका जा सकेगा। प्रशासनिक अधिकारियों को पूरी नजर रखने की आवश्यकता है।

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