नई दिल्ली। बंगलादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना अपनी चार दिवसीय यात्रा पर भारत में है जो दोनों देशों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इससे आपसी सम्बन्धों को नई ऊंचाई मिलेगी, जो भारत के अमृत काल के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक है। मंगलवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ शेख हसीना की वार्ता हुई, जिसमें द्विपक्षीय हितों के मुद्दे पर विस्तार से मंत्रणा के साथ ही अनेक समझौते पर हस्ताक्षर भी हुए।
दोनों देशों ने अनेक क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जतायी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज बंगलादेश भारत का सबसे बड़ा विकास भागीदार है और इस क्षेत्र में हमारा व्यापार भागीदार भी है। हमने सूचना प्रौद्योगिकी, अन्तरिक्ष और न्यूक्लियर एनर्जी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय किया है।
उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि अगले 25 वर्षों के अमृतकाल में भारत-बंगलादेश की मित्रता नई ऊंचाई छूएगी। शेख हसीना ने भी कहा कि भारत और बंगलादेश ने सभी बकाया मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है और तीस्ता मुद्दे को भी सर्वसम्मत हल की उम्मींद करते हैं।
कुशीयारा नदी जल बंटवारें पर समझौता भारत और बंगलादेश दोनों के हित में है लेकिन तीस्ता नदी जल बंटवारे के सवाल पर भारत सरकार पूरी तरह से तैयार तो है किन्तु बंगाल से सहयोग नहीं मिलने के कारण दोनों देशों के बीच समझौता नहीं हो पा रहा है। इसके प्रति सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
शेख हसीना की भारत यात्रा का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि अगले वर्ष वहां चुनाव होने वाले हैं । इसे सत्तारूढ़ अवामी लीग की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कुछ ऐसे भी मुद्दे हैं जिन पर बंगलादेश की सरकार को विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। वहां अल्पसंख्यक हिन्दुओं और उनके उपासना स्थलों की पूरी सुरक्षा होनी चाहिए।
हिन्दुओं की हत्या और उनके घरों को जलाए जाने से असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो गई है इसी प्रकार रोहिंग्या मुसलमानों का भी एक बड़ा प्रश्न है जो भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा बन गया है। इससे बंगलादेश भी पीड़ित है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में ऐसे घुसपैठियों के लिए कोई स्थान नहीं है।