फैटी लिवर डिजीज को दूर करने के लिए करें ये योगासन

योग। शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, लिवर। इसमें होने वाली किसी भी तरह की समस्या के चलते पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है। लिवर में फैट एकत्रित होने, जिसके कारण फैटी लिवर की समस्या हो सकती है, युवाओं में यह तेजी से बढ़ती दिक्कत देखी जा रही है। आमतौर पर माना जाता है कि लिवर के ज्यादातर रोग शराब के अधिक सेवन के कारण होते हैं पर फैटी लिवर के कुछ मामले उन लोगों में भी हो सकते हैं जो शराब नहीं पीते हैं।

इस स्थिति को नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के रूप में जाना जाता है। डॉक्टर बताते हैं कि लिवर को स्वस्थ रखने के लिए सभी लोगों को आहार पर विशेष ध्यान देते रहने की जरूरत होती है। अध्ययनों के मुताबिक, लिवर को स्वस्थ रखने, इसके कार्यों को बढ़ावा देने और फैटी लिवर डिजीज जैसी समस्याओं के जोखिमों को कम करने में योगासनों के अभ्यास की आदत बनाना भी फायदेमंद हो सकता है। योग का नियमित रूप से अभ्यास करने वालों में लिवर की समस्‍या विकसित होने का जोखिम भी कम होता है। तो आइए जानते हैं कि लिवर को स्वस्थ रखने और फैटी लिवर जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करने में किन योगासनों को लाभकारी माना जाती है?

नौकासन योग :-
नौकासन योग को संपूर्ण शरीर के लिए लाभकारी माना जाता है। इसके अभ्यास के दौरान पाचन अंगों पर दबाव बढ़ता है जिससे पेट की समस्याओं को दूर करने और लिवर को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। यह योग मुद्रा लिवर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को निकालने और अतिरिक्त फैट के जमाव को कम करने में भी आपके लिए मददगार हो सकती है। नौकासन के अभ्यास से पीठ-पेट की स्ट्रेचिंग भी की जा सकती है।

मत्स्यासन योग :-
मत्स्यासन योग लिवर को उत्तेजित करने और पाचन अंगों को मजबूत बनाने में लाभकारी  माना जाता है। फैटी लिवर जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करने के अलावा  हिप फ्लेक्सर्स और इंटरकोस्टल (पसलियों के बीच की मांसपेशियों) की स्ट्रेचिंग से लेकर गर्दन, गले और कंधों पर बन रहे अतिरिक्त तनाव से राहत दिलाने में भी इस अभ्यास से लाभ पाया जा सकता है। मत्स्यासन योग का दैनिक अभ्यास फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने और सांस को ठीक रखने में भी लाभकारी है।

कपालभाति प्राणायाम योग :-
प्राणायाम के भी कुछ अभ्यास पाचन और लिवर की समस्याओं से राहत दिलाने में आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। कपालभाति प्राणायाम को इसके लिए बेहद कारगर अभ्यास माना जाता है। सांस की यह विशेष तकनीकि लिवर को उत्तेजित करके अतिरिक्त फैट को कम करने में विशेष लाभकारी हो सकती है। इस अभ्यास के दौरान पेट पर झटके के साथ दबाव पड़ता है जिससे पाचन अंगों को उत्तेजित करने में लाभ मिल सकता है।

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