महत्वपूर्ण जानकारी। आज रात को लगने जा रहा साल का पहला चंद्र ग्रहण। बता दें कि आज वैशाख पूर्णिमा है जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। और इसी दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। वैसे तो चंद्र ग्रहण एक भौगोलिक घटना है, लेकिन पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा की रात जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तब चंद्र ग्रहण लगता है। वहीं चंद्र ग्रहण से कुछ घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, जिसे ज्योतिष के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं चंद्र ग्रहण कब से कब तक रहेगा और इसका सूतक काल लगेगा या नहीं… इससे पहले वैज्ञानिकी तौर पर जानते है कि चंद्र ग्रहण कैसे लगता है।
कैसे लगता है चंद्र ग्रहण?
वैज्ञानिकों के मुताबिक सूर्य के चारों ओर पृथ्वी चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इस प्रक्रिया में एक समय ऐसा आता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य एक ही सीध में आ जाते हैं। इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है। इस घटना को खगोलीय घटना के रूप में चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
साल का पहला चंद्र ग्रहण का समय
बता दें कि वर्ष 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 दिन शुक्रवार को लग रहा है। ये चंद्र ग्रहण रात 8 बजकर 45 मिनट से शुरू होगा और देर रात 1 बजे समाप्त होगा। वहीं सूतक काल की बात करें तो, वैसे तो चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, लेकिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
कहां-कहां नजर आएगा ये चंद्र ग्रहण
बताया जा रहा है कि ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया सिर्फ एक तरफ से होती है तो उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इसके कारण ये ग्रहण हर जगह नहीं देखा जा सकेगा। ये चंद्र ग्रहण यूरोप, सेंट्रल एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा।