पांच करोड़ की लागत से बनेगा जनजातीय संग्रहालय एवं अनुसंधान केंद्र

जम्मू-कश्मीर। पुंछ जिले में जनजातीय संग्रहालय एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र पांच करोड़ की लागत से तैयार किया जाएगा। इसमें आदिवासी कला, संस्कृति और जीवन शैली पर लाइव संग्रहालय होगा। इसके साथ एक विशेष अनुसंधान विंग होगा जिसके तहत आदिवासी जीवन और कल्याण के विभिन्न पहलुओं को देखा जाएगा। शुक्रवार को जनजातीय मामलों के विभाग और जम्मू विश्वविद्यालय ने (टीएमआरसी) की स्थापना के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया। जनजातीय मामलों के विभाग के सचिव, डॉ शाहिद इकबाल चौधरी ने जम्मू विश्वविद्यालय के वीसी प्रो एमके धार के साथ इस प्रोजेक्ट पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र को जनजातीय कार्य विभाग पांच करोड़ रुपए की राशि से स्थापित करेगा। केंद्र में जनजातीय समुदय की कला और संस्कृति देखने को मिलेगी। इसमें एक विशेष अनुसंधान विंग भी होगा जिसके तहत आदिवासी जीवन और कल्याण के विभिन्न पहलुओं को देखा जाएगा। टीएमआरसीआ उत्कृष्टता केंद्र के साथ-साथ प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में भी डिजाइन किया जाएगा। वीसी जम्मू यूनिवर्सिटी ने विभिन्न शोध फेलोशिप और अनुसंधान परियोजनाओं का भी प्रस्ताव रखा। इस दौरान डॉ. दीपांकर सेनगुप्ता ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट, जिसमें समयसीमा, कलाकृतियों की खरीद, संग्रहालयों के विकास और विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं को शुरू करने के बारे में जानकारी दी। प्रसिद्ध संग्रहालय विज्ञानी डॉ. मलय डे ने आदिवासी कला, संस्कृति और जीवन शैली पर लाइव संग्रहालय के बारे में चर्चा की और जम्मू, राजोरी, उधमपुर और श्रीनगर में जनजातीय संग्रहालयों के प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई।

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