हेल्थ। हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से केवल वयस्क ही नहीं बल्कि बच्चों में भी कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने की समस्या हो सकती है। बचपन में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने पर उम्र बढ़ने के साथ स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ता जाता है। कोलेस्ट्रॉल का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ने से हार्ट और शरीर के अन्य अंगों को ब्लड सप्लाई करने वाली आर्टरीज में प्लाक जमने लगता है। प्लाक की वजह से आर्टरीज में सिकुड़न आने लगती है जिससे हार्ट तक ब्लड पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता, इस वजह से हार्ट प्रॉब्लम्स बढ़ सकती हैं। कोलेस्ट्रॉल की वजह से स्ट्रोक होने की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है।
बच्चों में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने के तीन मुख्य कारण हेरेडिटी, डाइट और ओबेसिटी हैं। अधिकांश मामलों में, जिन माता-पिता को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है, उनके बच्चों में भी इसे पाया जाता है। बच्चों को हाई कोलेस्ट्रॉल से बचाने और इसका ट्रीटमेंट करने के लिए लाइफस्टाइल में कई बदलाव करने होंगे। आइए जानते हैं लाइफस्टाइल में बदलाव कर कैसे कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं।
बच्चों में हाई कोलेस्ट्रॉल की पहचान –
बच्चों में कोलेस्ट्रॉल की जांच एक आसान ब्लड टेस्ट के माध्यम से कर सकते हैं। अगर किसी परिवार में हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री है या बच्चे के माता-पिता में हाई कोलेस्ट्रॉल की शिकायत है तो ऐसे बच्चों का टेस्ट करना जरूरी हो जाता है। ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट से ही ये पता लगाया जा सकता है कि बच्चे में कोलेस्ट्रॉल का लेवल कितना है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने के कारण –
अनहेल्दी और जंकफूड खाने से बच्चों में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ रहा है। इनदिनों बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर है। मोबाइल और लैपटॉप पर गेम खेलने के चक्कर में बच्चे घर से बाहर जाना नहीं चाहते। अगर बच्चे का वजन ज्यादा है तब भी उसे हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है। बच्चे के पेरेंट्स यदि हाई कोलेस्ट्रॉल के शिकार हैं तो बच्चे भी इससे प्रभावित हो सकते हैं।
हाई कोलेस्ट्रॉल का उपचार –
बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का उपचार करने का सबसे अच्छा तरीका है हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज को अपनाना। अगर डाइट में बदलाव करने और डेली एक्सरसाइज करने से भी कोई असर न पड़े, तब डॉक्टर की सलाह पर 8 साल से अधिक उम्र के बच्चों को मेडिसिन दी जा सकती है।
डाइट में लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल किया जा सकता है। 12 महीने से लेकर 2 साल तक के ऐसे बच्चे जो अधिक वजन या मोटापे का शिकार हैं, या जिनके परिवार में मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, कार्डियोवस्कुलर डिजीज की हिस्ट्री है, उन्हें रिड्यूस्ड -फैट मिल्क देने की सलाह दी जाती है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के तरीके –
– ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिसमें टोटल फैट, सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल बहुत कम मात्रा में हो।
– बच्चे डेली एक्सरसाइज करें। बाइकिंग, रनिंग, वॉकिंग और स्वीमिंग से एचडीएल लेवल को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
– वजन को कंट्रोल में रखें।
– सैचुरेटेड फैट के बजाय अनसैचुरेटेड फैट का इस्तेमाल करें।
– ऐसे वेरायटी फूड का चयन करें जो बच्चों को सभी जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकें।