चंडीगढ़। चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पेक) सहित चार संस्थानों के विशेषज्ञों ने एक ऐसा मास्क तैयार किया है, जो वायरस को चेहरे से दूर भगा देगा, यानी मास्क लगाने वाला पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। खास बात यह है कि इस मास्क को चार्ज किया जा सकेगा। यह एक तरह का इलेक्ट्रिक मास्क है। एक माह से अधिक समय तक इसका प्रयोग किया जा सकेगा। अपने में अनोखा मास्क होने के कारण इसका पेटेंट करवाया जा रहा है। पेटेंट होने के बाद यह मास्क बाजार में आएगा। इस मास्क की एक और खास बात यह है कि यह कोरोना समेत अन्य वायरस से भी बचाव करेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पेक के शताब्दी समारोह में इस मास्क की खूब प्रशंसा की थी। पेक के साइबर सुरक्षा अनुसंधान केंद्र की प्रमुख प्रो. दिव्या बंसल, फोर्टिस मोहाली के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. निशित सावल, जीएमसीएच-32 के डॉ. हरगुनबीर सिंह, आईआईटी रोपड़ के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. चंदूपातला चक्रधर रेड्डी और हर्षित अजमीरा ने शोध कर यह मास्क तैयार किया है। इस टीम ने कोरोना काल में इस मास्क को तैयार करने का काम शुरू किया। देखा कि बाजार में तमाम प्रकार के मास्क वायरस को पूरी तरह रोक पाने में सक्षम नहीं हैं। एन-95 मास्क को काफी सुरक्षित माना गया है, लेकिन जहां मास्क चेहरे को ढकता है, वहां कुछ हिस्सा ढीला होने के कारण खुला रह जाता है, जिससे वायरस के प्रवेश करने का खतरा बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों ने इस कमी को दूर करने के लिए शोध किया और चेहरे को छूने वाले हिस्से को चुंबकीय रूप से चार्ज करने और वायरस से बचाव की विधि तैयार की। इस विधि के जरिए मास्क स्वत: ही चार्ज होकर वायरस को चेहरे से दूर कर देता है। यह मास्क भी बाजार के अन्य मास्क के जैसा ही है। कोई बदलाव नहीं है। कपड़े या अन्य चीजों से बना मास्क चुंबकीय रूप से चार्ज हो जाएगा। वायरस जब ड्रॉपलेट आदि के जरिए शहर में घुसने की कोशिश भी करेगा तो वह प्रवेश नहीं कर पाएगा। मास्क पहनने वाला व्यक्ति पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। टीम ने इस मास्क के लिए फिल्ट्रेशन सिद्धांत को अपनाया है। मास्क की टेस्टिंग आईआईटी रोपड़ में हुई है। इस शोध में शोधार्थी सविना सिंगला, मीरा, गुरमेहर सिंह, तनिश आदि का सहयोग रहा।