गिरिराज परिक्रमा मार्ग पर उमड़ा भक्तों का सैलाब, राधे-राधे के जयकारों से गूंजी ब्रजभूमि

आगरा। दीपावली के बाद शुक्रवार को ब्रज के मंदिरों व घरों में गोवर्धन पूजा व अन्नकूट महोत्सव की धूम है। गोवर्धन की गिरिराज तलहटी में सुबह से ही आस्था का जनसैलाब उमड़ रहा है। गिरिराज परिक्रमा मार्ग पर हरिनाम संकीर्तन, राधे-राधे के जयकारे गूंज रहे हैं। मथुरा की रज-रज में कृष्ण भक्ति है। यहां जो भी आता है, कृष्ण भक्ति में लीन हो जाता है। यही श्रद्धा भाव गोवर्धन पूजा व अन्नकूट महोत्सव में देखने को मिल रहा है, जिसमें देशभर से बड़ी संख्या में भक्त अन्नकूट महोत्सव में शामिल होने आए हैं। शुक्रवार सुबह हजारों भक्तों ने राधाकुंड और श्यामकुंड में स्नान के बाद गिरिराज मंदिर में दुग्धाभिषेक किया। इसके बाद ढप, ढोल, मृदंग-मजीरे की धुन पर हरिनाम संकीर्तन के साथ गिरिराज परिक्रमा शुरू की। परिक्रमा मार्ग पर भक्तों का रेला देखने को मिल रहा है। अन्नकूट महोत्सव पर गिरिराज दानघाटी मंदिर, जतीपुरा के मुकुट मुखारविंद मंदिर, हरिगोकुल मंदिर, श्रीराधा दामोदर सेवाश्रम, कनक भवन आश्रम, राधा-कृष्ण संगम कुंड स्थित रघुनाथ दास गोस्वामी महाराज की गद्दी, वैष्णव सेवाश्रम आदि में कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर में भी गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया है। यहां गोवर्धन पूजा में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा भी शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने गोवर्धन की परिक्रमा लगाई। दीपावली पर्व पर गिरिराज जी की नगरी पर परंपरागत दीपदान महोत्सव से झिलमिला उठी। आस्था और श्रद्धा में डूबे भक्तों ने मानसी गंगा, राधाकुंड एवं मंदिरों में दीपदान किया। दीयों से रोशनी से गिरिराज तलहटी जगमगा उठी। दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। इसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन गौ माता और गोवर्धन पर्वत की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण की लीला से जुड़ी हुई है। वृंदावन स्थित इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन पूजा के अवसर पर सूजी के हलवे की विशाल गिर्राज महाराज की भव्य प्रतिमा बनाई गई। यहां पहुंचे देश-विदेश के भक्तों ने इस अनूठी प्रतिमा के दर्शन किए।

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