अच्छी नींद भाषा की समझ और याददाश्त को करती है बेहतर

रोचक जानकारी। अच्छी नींद शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद जरूरी है। इससे नई चीजों के सीखने के कौशल में भी सुधार होता है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को रोजाना रात में निर्बाध नींद मिलती है, वह भाषाई रूप से अधिक समृद्ध हो सकते हैं। नींद के दौरान मस्तिष्क से हार्मोन रिलीज होते हैं जो न सिर्फ दिनभर की यादों को स्टोर करने में हेल्‍प करते हैं साथ ही पहले से ही दिमाग में मौजूद जानकारियों से नई जानकारियों का सामंजस्य भी बेहतर बनाते हैं। मसलन यदि आपको नई चीजें सीखने में दिलचस्पी है, भाषा के स्तर को और बेहतर करना चाहते हैं तो इसके लिए नींद की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्रयास किए जाने आवश्यक हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क के वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान जानने की कोशिश की, कि हमारी नींद नई चीजों को याद रखने की क्षमता को किस प्रकार से प्रभावित करती है? इसके आधार पर टीम ने बताया कि जब हम गहरी नींद में होते हैं तो हमारे दिमाग में पहले से मौजूद भाषा अपडेट होती है, नई चीजों से सामंजस्य बेहतर होता है और चीजों को बेहतर ढंग से सीखने में भी मदद मिलती है। इसलिए सभी उम्र के लोगों के लिए रात की अच्छी नींद बहुत आवश्यक है। तो आइए इस अध्ययन के बारे में जानते हैं।

याद रखने की क्षमता के लिए अच्छी नींद जरूरी :-

यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क द्वारा किए गए  किए गये अध्‍ययन में पाया गया कि नई चीजों को सीखने के लिए नींद न सिर्फ हमारी याददाश्त को प्रभावित करती है, साथ ही हम भाषा को कैसे समझते हैं और इसे कैसे और बेहतर कर सकते हैं, इसपर भी प्रभाव होता है। उदाहरण के लिए, जिन प्रतिभागियों ने नए शब्दों का एक सेट सीखने के बाद रात की नींद अच्छी ली, वह अन्य लोगों की तुलना में उन शब्दों को बेहतर ढंग से याद करने में सक्षम थे। यानी कि नई चीजों को सीखने और याद रखने दोनों के लिए नींद की गुणवत्ता ठीक होना आवश्‍यक है।

अध्ययन में क्या पता चला?

शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने समझने की कोशिश की-

-पढ़ने और बातचीत से प्राप्त  महत्वपूर्ण जानकारियों और भाषा के नए शब्दों को याद रखने में हमारी नींद की क्या भूमिका होती है?

-क्या अच्छी नींद हमारी स्मृति में इन सूचनाओं को दीर्घकालिक रूप से संजोए रखने में मदद करती है?

इन प्रश्नों के उत्तर को जानने लिए प्रतिभागियों के व्यवहार परीक्षण के अलावा इलेक्ट्रोएन्सेफ्लोग्राफी (ईईजी) का उपयोग किया गया। इस टेस्ट के माध्यम से मस्तिष्क के इलेक्ट्रिक्ल गतिविधियों को जानने में मदद मिलती है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि अच्छी नींद नई सूचनाओं, जानकरियों और शब्दों को दीर्घकालिक तौर पर मस्तिष्क में संग्रहित करने में मददगार है। यानी जो लोग अच्छी नींद लेते हैं उनकी याददाश्त भी अच्‍छी होती है।

 

क्या कहते हैं शोधकर्ता?
अध्ययन के प्रमुख और यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर गैरेंथ गैसकल कहते हैं, कई स्तर पर किए गए इस शोध से पता चलता है कि नींद तीन प्रकार से हमारी याददाश्त और भाषाई ज्ञान को प्रभावित करती है।

भाषा और यादों का लंबे समय तक संग्रहित रखने में अच्छी नींद सहायता करती है।

बातचीत के दौरान सुनकर सीखी गई जानकारियों और भाषा के शब्दों को ट्रैक करने में हेल्‍प करती है जिससे संवाद के दौरान इसका इस्तेमाल किया जा सके।

भाषा के उपयोग के तरीके को पहचानने और इसे बेहतर बनाए रखने में हमारी मदद करती है।

नए शब्दों को सीखना होता है आसान :-
नींद के दौरान सीखने के कौशल को जानने के लिए इससे पहले के अध्ययनों में भी कई चौंकाने वाले परिणाम देखे गए हैं। इसके लिए साल 2019 के अध्‍ययन के दौरान जानने की कोशिश की गई कि क्या नींद के दौरान विदेशी भाषा में नए शब्द सीखे जा सकते हैं?

इसके लिए प्रतिभागियों को सोते समय हेडफ़ोन पहनने के लिए दिए गए थे। रिकॉर्डिंग में मेड-अप लैंग्वेज और फिर जर्म भाषा में इसके अनुवाद की रिकॉर्डिंग थी। निष्कर्ष में पाया गया कि हमारा मस्तिष्क नए शब्द की ध्वनि और अर्थ के बीच एक जुड़ाव बनाता है, जिसका मतलब है कि हम नई भाषा के शब्दों को भी सीख सकते हैं।

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