नई दिल्ली। भारतीय दिग्गज पहलवान खाशाबा दादासाहेब जाधव (केडी जाधव) की आज 97वीं जयंती है। इस मौके पर Google ने खास डूडल बनाकर उनके योगदान को याद किया है। गूगल बड़ी हस्तियों को याद करने और प्रमुख इवेंट्स को यादगार बनाने के लिए समय-समय पर डूडल बनाता है। खाशाबा दादासाहेब जाधव स्वतंत्रता के बाद ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत पदक हासिल करने वाले एथलीट थे।
केडी जाधव का जन्म 15 जनवरी 1926 को महाराष्ट्र के गोलेश्वर गांव में हुआ था। केडी जाधव बेहद साधारण कद के थे लेकिन जब वे अखाड़े में उतरते थे तो दुनिया के बड़े-बड़े पहलवान उनसे डर जाते थे। साल 1952 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक हेलसिंकी में केडी जाधव ने पदक जीता था। जाधव ने जर्मनी, मैक्सिको और कनाडा के खिलाड़ियों को हराकर कांस्य पदक अर्जित किया था।
तैराक और धावक भी थे जाधव:-
1952 से पहले ही कोल्हापुर के महाराज की नजर इस पहलवान की प्रतिभा पर पड़ी थी। उन्होंने लंदन में 1948 के ओलंपिक खेलों में जाधव की भागीदारी को निधि देने का फैसला किया। अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती नियमों के अभ्यस्त नहीं होने और अत्यधिक अनुभवी पहलवानों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बावजूद, जाधव छठे स्थान पर रहे, जो उस समय के दौरान एक भारतीय पहलवान के लिए सर्वोच्च स्थान था। बाद में जाधव स्वतंत्रता के बाद ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत पदक हासिल करने वाले पहले भारतीय एथलीट बने। जाधव एक अच्छे तैराक और धावक भी थे।
कहा जाता है कि उनके कुशल दृष्टिकोण और हल्के पैरों ने उन्हें अपने करियर की शुरुआत में सर्वश्रेष्ठ एथलीटों में से एक बना दिया। जेडी मात्र 5 फुट 5 इंच की हाइट के थे, लेकिन अपनी टैक्टिकल फाइट से लंबे कद-काठी वाले पहलवान को भी टिकने नहीं देते थे। जाधव ने अपने पिता और अन्य पेशेवर पहलवानों से प्रशिक्षण लेकर कई राज्य और राष्ट्रीय खिताब जीते थे। हालांकि, घुटने की चोट के कारण हेलसिंकी ओलंपिक में जीत के बाद जाधव अपने कुश्ती करियर को जारी नहीं रख सके। बाद में उन्होंने एक पुलिस अधिकारी के रूप में काम किया।