नई दिल्ली। अन्य देशों में मंकीपाक्स के बढ़ते मामलों को देख अब सरकार सक्रिय हो गई है। हालांकि, भारत में अभी मंकीपाक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। पर इस खतरे को गंभिरता से लेते हुए सरकार ने एक दिशानिर्देश भी जारी किया है, जिसमें उसने निगरानी, तेजी से पहचान और आइसोलेशन पर जोर दिया गया है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि मंकीपाक्स के दो सौ से ज्यादा केस मिलने वाले देशों की संख्या 20 हैं।
जारी दिशानिर्देश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि, देश में भले ही मंकीपाक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन गैर स्थानिक देशों (जहां इस बिमारी का जन्म न हुआ हो, पर वहां भी यह बिमारी फैली हो) में इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए तैयार रहने की जरूरत है। कोई मामला मिलने पर मरीज को तत्काल आइसोलेशन में रखने और संपर्क में दूसरे लोगों को लेकर भी जानकारी दी गई है। यह भी कहा गया है कि संदिग्ध पाए जाने वाले मामलों के नमूने को जल्द से जल्द आइसीएणआर के पुणे स्थित एनआइवी प्रयोगशाला भेजने की व्यवस्था की जाए।
आपको बता दें कि मंकीपाक्स चेचक की तरह ही होने वाला एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। चूंकि एक बार यह बीमारी बंदरों के बीच फैली थी, इसलिए इसका नाम मंकीपाक्स रखा गया। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है।