बढ़ते प्रदूषण से फेफड़ों को रखें सुरक्षित…

नई दिल्ली। हर साल बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर के कारण कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है, जो श्वसन संबंधी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। कोविड की दूसरी लहर के दौरान फेफड़ों से संबंधित समस्याओं ने कोरोना के मामले को काफी गंभीर बना दिया था। फेफड़े शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन के संचार को सुचारू बनाए रखने का काम करते हैं, इनमें होने वाली किसी भी तरह की समस्या जानलेवा हो सकती है, यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के उपाय करते रहने की सलाह देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक प्रदूषित हवा से बचाव के साथ दैनिक जीवन में योग और व्यायाम को शामिल करके फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है। योग और व्यायाम वायुमार्ग से बलगम को साफ करने में मदद करने के साथ फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने में सहायक माने जाते हैं। आइए आगे की स्लाइडों में फेफड़ों को मजबूती देने वाले ऐसे ही कुछ योगाभ्यासों के बारे में जानते हैं। कोबरा पोज योग:- कोबरा मुद्रा, जिसे भुजंगासन भी कहा जाता है, इसे फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने और फेफड़ों को फैलाने में सबसे मददगार माना जाता है। यह वायुमार्ग को साफ करने के साथ फेफड़ों को मजबूत बनाने में भी सहायक है। भुजंगासन का नियमित अभ्यास मन को शांत करने और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। मत्सयासन योग:- मत्सयासन या फिश पोज का नियमित अभ्यास फेफड़ों और हृदय के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। यह योग शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने में मददगार है साथ ही रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में भी इसे सहायक माना जाता है। श्वसन संबंधी विकारों को दूर रखते हुए फेफड़े और हृदय के कार्य को बढ़ावा देने के लिए इस योग का अभ्यास फायदेमंद माना जाता है। धनुरासन योग:- धनुरासन योग या बो पोज़ फेफड़ों की सफाई के लिए सबसे अच्छे योगों में से एक है। इसका नियमित अभ्यास भी आसान है और इसे कभी भी किया जा सकता है। फेफड़ों को मजबूत बनाने के साथ श्वसन समस्याओं को दूर करने के लिए इस योग का अभ्यास किया जा सकता है। सुखासन:- सुखासन योग आपके रक्त प्रवाह को प्रोत्साहित करने के साथ और फेफड़ों के कार्य को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतरीन अभ्यास माना जाता है। यह फेफड़ों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है साथ ही वायुमार्ग को साफ रखने में भी इसे सहायक माना जाता है।

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