उत्तराखंड। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति रविवार को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंची। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी बाबा के दर्शन किए। आज डोली अपने पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में छह माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो जाएगी। देवस्थानम बोर्ड ने बाबा केदार के आगमन को लेकर मंदिर को भव्य रूप से सजाया है। साथ ही पूजा-अनुष्ठान की सभी तैयारियां पूरी ली गई हैं। रविवार सुबह 7 बजे रामपुर में केदारनाथ के मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली की विशेष पूजा-अर्चना की। मौके पर पूरा क्षेत्र बाबा के जयकारों से गूंज उठा। सुबह 8.30 बजे बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने सेना के बैंड की धुनों व पारंपरिक वाद्य यंत्रों व भक्तों के जयघोष के साथ रामपुर से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान किया। डोली शेरसी, बडासू, फाटा, खड़िया, मैखंडा, ब्यूंग, खुमेरा, नारायणकोटी, मस्ता व नाला में भक्तों को दर्शन व आशीर्वाद देते हुए शाम पांच बजे गुप्तकाशी बाजार पहुंची। वहां पर बाबा केदार के भक्तों ने अपने आराध्य का फूल-मालाओं व अक्षत से स्वागत किया। मौके पर बाबा के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। साढ़े पांच बजे बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली विश्वनाथ मंदिर पहुंची। वहां पर डोली ने मंदिर की एक परिक्रमा की। इस मौके पर मंदिर के पुजारी ने बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना कर आरती उतारी। सोमवार सुबह 8 बजे विशेष पूजा-अर्चना, शृंगार व आरती के बाद बाबा केदार की डोली विश्वनाथ मंदिर से प्रस्थान कर अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में छह माह की शीतकाल की पूजा के लिए विराजमान हो जाएगी। इस मौके पर देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, यात्रा प्रभारी युद्धवीर सिंह पुष्पवाण, वयोवृद्ध तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, ओंकार शुक्ला, अरविंद शुक्ला, विनोद शुक्ला आदि मौजूद थे।