हाथ की रेखाएं बताती हैं आपके डिप्रेशन का कारण…

वास्तु। ज्योतिष विद्या के अनुसार व्यक्ति की हस्तरेखाएं उसके भाग्य को तय करती हैं। हाथों में बनी ये रेखाएं हमारे आने वाले भविष्य को बताती हैं। ये लकीरें हमारे स्वभाव के बारे में भी बहुत कुछ कहती हैं। हस्तरेखा शास्त्र में व्यक्ति के हाथों में बनी आड़ी-तिरछी रेखाओं को देखा जाता है और उसके आधार पर जीवन में आगे घटित होने वाली घटनाओं की जानकारी दी जाती है। हमारे हाथों पर बनी ये रेखाएं शाश्वत नहीं होती। ये समय के साथ-साथ बदलती रहती हैं। ऐसे में नए-नए चिन्हों का निर्माण हमारे हथेलियों पर होता रहता है। कई बार ये चिन्ह काफी शुभ होते हैं, जिसके चलते व्यक्ति को व्यापार और अन्य क्षेत्रों में काफी लाभ होता है। वहीं दूसरी तरफ कई मर्तबा ऐसे चिन्ह भी उभर आते हैं, जिसके चलते इंसान डिप्रेशन और तनाव का शिकार हो जाता है। यदि दोनों हथेलियों की त्वचा रूखी और खुरदरी हो गई है। इसके अलावा उंगलियों के आगे का हिस्सा नुकीला हो गया है और अंगूठे के आगे का आकार चपटा हो गया है, तो ये साफ संकेत करते हैं कि व्यक्ति डिप्रेशन की स्थिति से गुजर रहा है। डिप्रेशन और मानसिक अस्थिरता का सीधा संबंध चांद के साथ जोड़ कर देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि डिप्रेशन और मानसिक विक्षिप्तता का कारण चांद होता है। इस वजह से व्यक्ति के हाथ में चंद्र पर्वत और मस्तिष्क रेखा की जांच जरूर की जानी चाहिए। अगर मस्तिष्क रेखा नीचे की और झुकी है, तो ऐसा व्यक्ति तनाव की स्थिति का शिकार हो सकता है। यदि हथेलियों पर चंद्र पर्वत पर क्रॉस का निशान बन रहा है, तो ऐसे में व्यक्ति के डिप्रेशन में जाने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपराध भी कर सकता है। मस्तिष्क रेखा यदि हथेली के बीच से नीचे की तरफ झुकी हुई हो और उसका मिलाप हृदय रेखा से हो रहा हो, तो ऐसे में व्यक्ति की मानसिक स्थिति खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।

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