नई दिल्ली। गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ में भू-धंसाव संकट को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की। जानकारी के अनुसार, इस मीटिंग में कई केंद्रीय मंत्री, उत्तराखंड सरकार के अधिकारी और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अफसरों ने हिस्सा लिया।
गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ में भू-धंसाव संकट को लेकर गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में गृहमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र शेखावत, आरके सिंह, गृह सचिव, सेना के जुड़े हुए अधिकारी, बीआरओ के अधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। गृहमंत्री अमित शाह ने लगभग एक घंटे तक बैठक ली।
इस बैठक से पहले बुधवार को अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से टेलीफोन पर बातचीत के जरिए जोशीमठ के हालात की जानकारी ली थी। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को जोशीमठ के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तराखंड की सरकार जोशीमठ पर समाधान निकालने का प्रयास कर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसको देख रहे हैं। केंद्र सरकार भी पूरा सहयोग कर रही है। मैंने रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट को वहां भेजा था, आगे जरूरत पड़ी तो वहां जाएंगे।
हम औली में अपने जवानों को स्थाई तौर पर तैनात करेंगे- सेना प्रमुख
जोशीमठ भू-धंसाव पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि हमने अस्थाई तौर पर अपने जवानों को स्थानांतरित किया है। अगर जरूरत पड़ी तो हम औली में अपने जवानों को स्थाई तौर पर तैनात करेंगे। जोशीमठ से माणा जाने वाली रोड पर कुछ दरारें हैं, जिसे BRO ठीक कर रहा है। इससे हमारी ऑपरेशनल रेडीनेस पर कुछ असर नहीं पड़ा है।
उन्होंने कहा कि जहां तक स्थानीय लोगों को मदद पहुंचाने की बात है तो हमने अपने अस्पताल, हेलीपैड आदि सिविल प्रशासन को दिए हैं, जिससे वे लोगों को अस्थाई तौर पर लोगों को स्थानांतरित कर सकें।