नई दिल्ली। आर्थिक और कारोबारी गतिविधियों में तेजी के बाद अब देश का रियल एस्टेट क्षेत्र भी सुधार के रास्ते पर है। इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में मकानों की बिक्री महामारी पूर्व स्तर (2019) के पार पहुंच गई। संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया की सोमवार की रिपोर्ट के मुताबिक, आलोच्य तिमाही में देश के आठ प्रमुख शहरों में कुल 64,010 मकान बिके। यह आंकड़ा 2019 की जुलाई-सितंबर तिमाही से 104 फीसदी और पिछले साल की समान तिमाही में बिके कुल 33,404 मकानों के मुकाबले 92 फीसदी ज्यादा है। 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में कुल 27,453 मकान बिके थे। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) शिशिर बैजल ने कहा कि होम लोन की ब्याज दरें ऐतिहासिक रूप से कम होने, स्थिर कीमतों और खरीदारों के बदलते रवैये की वजह से मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई, बंगलूरू हैदराबाद, अहमदाबाद, कोलकाता और पुणे में मकानों की बिक्री में तेज सुधार हुआ है। बैजल ने कहा कि मकानों की बिक्री के आंकड़े बताते हैं कि रियल एस्टेट क्षेत्र अब सुधार की राह पर है। आवासीय संपत्तियों की मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसे देखते हुए डेवलपर्स आगामी त्योहारी सीजन में नई आवासीय परियोजनाएं लॉन्च करने की तैयारी में हैं। हालांकि, महामारी से उबर रहे क्षेत्र के डेवलपर्स के सामने अब भी वित्तीय चुनौतियां बनी हुई हैं। वहीं, नाइट फ्रैंक इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री एवं राष्ट्रीय निदेशक (शोध) रजनी सिन्हा का कहना है कि सस्ते होम लोन और स्थिर कीमतों के साथ कई राज्यों में स्टांप शुल्क में कटौती से भी रियल एस्टेट क्षेत्र में तेज सुधार देखने को मिला है। दिल्ली-एनसीआर में 48 फीसदी ज्यादा बिक्री:- आलोच्य तिमाही में मुंबई में मकानों की बिक्री दोगुना से ज्यादा बढ़कर 15,942 इकाई पहुंच गई। दिल्ली-एनसीआर में 9,101 मकान बिके, जो पिछले साल से 48 फीसदी ज्यादा हैं। बंगलूरू में मकानों की बिक्री दोगुना से ज्यादा बढ़कर 11,337 और पुणे में 94 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 9,565 इकाई रही। हैदराबाद में बिक्री तीन गुना से ज्यादा बढ़कर 5,987 इकाई रही, जबकि चेन्नई में 17 फीसदी ज्यादा मकान बिके। कोलकाता में 75 फीसदी ज्यादा मकान बिके और अहमदाबाद में बिक्री 37 फीसदी बढ़कर 1,607 इकाई रही। बेहतर सुविधाओं वाले बड़े मकानों की मांग बढ़ी:- महामारी के दौरान बेहतर सुविधाओं के साथ बड़े मकानों की मांग बढ़ी है। इससे 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक के मकानों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी 32 फीसदी से बढ़कर 35 फीसदी पहुंच गई। इस दौरान 50 लाख रुपये या इससे कम कीमत वाले मकानों की बिक्री घटकर 43 फीसदी रह गई। जुलाई-सितंबर 2020 में यह हिस्सेदारी 45 फीसदी रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 की तीसरी तिमाही में कीमतें स्थिर रही हैं। हालांकि इस दौरान चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में कीमतें सालाना आधार पर मामूली बढ़ी हैं।