रिलेशनशिप नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है तो काम आ सकती है कपल थेरेपी…

रिलेशनशिप। पति-पत्‍नी या एक कपल का रिश्‍ता बहुत ही नाजुक होता है, जिसमें प्‍यार के साथ तकरार भी होती है। जब तकरार बड़ा रूप ले लेती है तब उसे सुलझाने की जरूरत पड़ती है। रिश्‍तों की इसी अनबन को सुलझाने के लिए कपल थेरेपी का सहारा लिया जाता है। कपल थेरेपी सेल्‍फ इम्‍प्रूवमेंट के लिए भी जरूरी है।

कई बार छोटी-छोटी बातों से रिश्‍तों में दूरी बढ़ जाती है। कई दिनों तक कपल्‍स एक दूसरे से बात नहीं करते। ऐसे में कपल थेरेपी कपल्‍स के बीच की दूरी को कम करने का काम कर सकती है। कपल थेरेपी में कई एक्टिविटीज को शामिल किया जाता है जिससे लाइफ ज्‍यादा इंट्रेस्‍टिंग हो जाती है। चलिए जानते हैं कपल थेरेपी और इसके बेनिफिट्स के बारे में-

क्‍या है कपल थेरेपी?

कपल्‍स के बीच होने वाले टकराव को कम करने के लिए इस थेरेपी का प्रयोग किया जाता है। कपल थेरेपी कपल्‍स के बीच की दूरी को कम करने और रिश्‍ते में प्‍यार बरकरार रखने का काम करती है। कपल थेरेपी रिश्‍तों को मजबूत बना सकती है। इसमें एक लाइसेंस प्राप्‍त काउंसलर कपल्‍स के बीच समझौता करवाता है और एक साथ की जाने वाली कई एक्टिविटीज को थेरेपी में शामिल करता है। इन एक्टिविटीज के जरिए कपल्‍स के बीच की तकरार और दूरी को कम करने की कोशिश की जाती है।

कपल थेरेपी के बेनिफिट्स:-
–  कपल्‍स करते हैं एक टीम की तरह काम।
–  रिश्‍तों में आती है मधुरता।
– बढ़ता है प्‍यार।
– क्‍वालिटी टाइम स्‍पेंड करते हैं।
–  हर विषय पर करते है बात।
–  फिजिकल और इमोशनल बदलाव।
–  रिश्‍तों में हानिकार‍क पैटर्न की पहचान करना।
–  एक-दूसरे के साथ विश्‍वास का पुनर्निर्माण।
–  सेल्‍फ इंप्रूवमेंट।
–  बढ़ता है एक-दूसरे का सम्‍मान।

कपल्‍स थेरेपी टेक्निक:-
–  इमोशनली फोकस्‍ड थेरेपी।
– नैरेटिव थेरेपी।
–  रिलेशनशिप थेरेपी।
–  सॉल्‍यूशन फोकस्‍ड थेरेपी।

कपल्‍स एक्‍सरसाइज और एक्टिविटी:-
– एक साथ काम करना।
–  प्रशंसा करना।
–  पार्टनर की लव लैंग्‍वेज का पता करना।
–  जरूरी कन्‍वर्सेशन।
–  फिल यॉर इंटिमेसी बकेट।
–  पार्टनर योगा।
–  म्‍यूजिक एक्टिविटी।
– फील गुड टाइम।

 

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