आजादी के 100वें वर्ष में एक प्रमुख कृषि और वैज्ञानिक शक्ति बनेगा भारत: डॉ. जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने देश के कृषि क्षेत्र को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र इन दिनों अपने स्वर्णिम दौर में है। उन्होंने कहा कि देश अगले 25 वर्ष में एक प्रमुख कृषि तथा वैज्ञानिक शक्ति के रूप में उभरकर सामने आएगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान आधारित कृषि नवाचारों को खोजने के लिए सरकार की अनूठी पहल न केवल किसानों की आय को दोगुना करेगी, बल्कि 25 साल बाद आजादी के 100वें वर्ष में भारत को एक प्रमुख कृषि और वैज्ञानिक शक्ति बना देगी। उन्होंने कहा कि पीएम किसान मान धन योजना, पीएम फसल बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नीम लेपित यूरिया, ई-नाम जैसी कल्याणकारी योजनाएं कृषि और कृषि उत्पादन में क्रांति लाने वाली कुछ पहलों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि किसान हितैषी योजनाओं और कार्यक्रमों ने कृषि क्षेत्र को भी सशक्त बनाया है, साथ ही उन किसानों को वो सम्मान दिया है जिनकी पहले कमी थी। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी-किसान योजना 2017 में कृषि नवाचार के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा शुरू की गई एक वैज्ञानिक-किसान साझेदारी है। इसका उद्देश्य खेत के स्तर पर लागू होने वाले नवीन समाधानों और प्रौद्योगिकियों का पता लगाने के लिए किसानों के साथ विज्ञान प्रयोगशालाओं को जोड़ना है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में जैव प्रौद्योगिकी-किसान केंद्रों की स्थापना कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को राष्ट्रीय वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं और संस्थानों से जोड़कर नवीनतम तथा नवीन तकनीकों के साथ मजबूत एवं सशक्त बनाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक 36 जैव प्रौद्योगिकी-किसान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो देश के सभी 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों को कवर करते हैं और उनकी गतिविधियों को कुल 169 जिलों में लागू किया गया है। इसमें 112 आकांक्षी जिले शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना से अब तक तीन लाख से अधिक किसानों को फायदा मिला है जहां उनके कृषि उत्पादन और आय में वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में 200 से अधिक उद्यम भी विकसित किए गए हैं।

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