India-Pakistan : भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर भारत ने सिंधु जल समझौते को रद्द किया इसके बाद बगलिहार और सलाल बांध से पाकिस्तान को पानी रोका। इस दौरान बांध के गेट बंद होने से रोके गए पानी के बाद पाकिस्तान के मंत्रालय ने जलशक्ति मंत्रालय से पानी की आपूर्ति शुरू करने के लिए पत्र भेजा है, जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान आजादी के बाद से ही भारत आने वाली नदियों का पानी रोकता रहा है। वहीं भारत से जा रही नदियों का पानी रोकने का जब भी पाकिस्तान ने दुष्प्रचार किया, प्रधानमंत्री बयान जारी करके सफाई देते रहे।
हम आपको बता दें कि 19 सितंबर, 1960 को हुई सिंधु जल संधि का ब्योरा है। प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति मो. अयूब खान ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे। जिसके दौरान भारत को केवल 20 फीसदी पानी दिया गया। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से व्यास, रावी, सतलुज नदियों का पानी भारत को और सिंधु, चिनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान को देने पर समझौता हुआ।
सिंधु नदी पर बनाए बांध
जानकारी के दौरान सिंधु नदी पर विश्व बैंक की ओर से 620 करोड़ रुपये से बनाए गए बांध में 83 करोड़ रुपये भारत ने दिए। जिसमें भारत ने युद्ध के पहले 8 करोड़ रुपये की किस्त दी थी। इसकी सफाई में तत्कालीन पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने लोकसभा में दावा किया कि सिंधु जल के लिए दिया पैसा युद्ध में नहीं लगाया गया।
नहर के नीचे नहीं बनी टैंक
वहीं लोकसभा में 10 नवंबर, 1965 को तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने सांसदों को स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने नहरों के नीचे ऐसी सुरंग नहीं बनाई हैं, जिनसे होकर टैंक निकल सकें। सिंचाई के लिए केवल जलमार्ग बनाए गए हैं। पाकिस्तान में हो रहे निर्माण पर निगरानी रखी जा रही है।
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