JEE Mains 2025: देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई (मेन) 2025 इस समय विवादों के घेरे में आ गया है. परीक्षा में शामिल दो छात्रों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा हैं कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा जारी किए गए स्कोरकार्ड में गंभीर गड़बड़ी की गई है साथ ही अंकों के साथ हेराफेरी की गई है. इस मामले की गंभीरता से लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है और इसकी फॉरेंसिक जांच का आदेश दे दिया है.
कंपोज़िट स्कोरकार्ड में अलग अंक, डेटा टेम्परिंग का मामला
छात्रों ने आरोप लगाया है कि जब अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड किया, तो उसमें अंक कुछ और थे, लेकिन जब NTA ने आधिकारिक रूप से कंपोज़िट स्कोरकार्ड जारी किया तो उसमें अंक कुछ अलग थे. उसमें से एक छात्र ने यह भी दावा किया कि उसके प्रयास किए गए प्रश्नों की संख्या तक गलत दी गई है, जिसके कारण उसका कुल स्कोर प्रभावित हुआ. छात्रों की ओर से पेश अधिवक्ता दीपक जैन ने अदालत में तर्क दिया कि यह कोई तकनीकी त्रुटि नहीं हो सकती बल्कि संभावित डेटा टेम्परिंग का मामला है, जिसकी निष्पक्ष और विशेषज्ञ जांच किया जाए.
CFSL द्वारा जमा की गई रिपोर्ट के आधार पर करेगी स्पष्ट
इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने एक याचिकाकर्ता को जेईई (एडवांस्ड) के लिए आवेदन करने की अंतरिम अनुमति भी दी. छात्र ने अपने सही माने गए परसेंटाइल के आधार पर आवेदन की मांग की थी. हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह अनुमति कोई विशेष अधिकार प्रदान नहीं करती, और छात्र का JEE (Advanced) का परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा जब तक कि मामला पूरी तरह से स्पष्ट न हो जाए. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 मई के लिए सूचीबद्ध की है. इस दिन CFSL द्वारा जमा की गई रिपोर्ट को देखा जाएगा, जिसके बाद ही यह तय होगा कि स्कोरकार्ड में हेराफेरी हुई है या नहीं. यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह मामला केवल कुछ छात्रों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरे देश की परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़ा करेगा.
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